मुरैना पुलिस ने करीब एक साल पहले गांजा तस्करी के आरोप में प्रमोद शर्मा पकड़ा और जेल भेजा था। ये शातिर बदमाश जेल में ही बैठकर गांजा तस्करी गैंग को ऑपरेट कर रहा था। यह खुलासा भिंड पुलिस द्वारा करीब 2 करोड़ के गांजा के साथ पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस के सामने किया। पुलिस इस मामले में ओर भी कड़ियां जोड़ने में जुटी है।

भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान में यह बात मीडिया को बताई है कि मालनपुर में केला से भरे ट्रक में छिपाकर गांजा लाया जा रहा था। ट्रक के अंदर से एक टन यानी दस क्विंटल गांजा की 39 बोरे बरामद हुए जिसकी कीमत दो करोड़ है। पकड़े गए आरोपियों में पुलिस ने मुख्य आरोपी संदीप शर्मा को बताया। जब पूछताछ की गई तो संदीप शर्मा का बड़ा भाई प्रमोद शर्मा को करीब एक साल पहले मुरैना पुलिस ने 840 किलो गांजा के पकड़ा था, तब से प्रमोद जेल में बंद है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रमोद, जेल में बंद होने के बाद भी गांजा तस्करी गिरोह को ऑपरेट कर रहा था। वाे अपने भाई संदीप की मदद से गांजा तस्करी का कारोबार फैलाए हुए है। जब उसे गैंग के बांकी सदस्यों को मोटिवेट करना होता है तो बीमारी के बहाने जेल से बाहर आकर अस्पताल में भर्ती होता है। अस्पताल में रहकर बारी-बारी से गांजा तस्करी गैंग से मिलता है।

आंध्र प्रदेश के तस्करों से कराई थी डील

पुलिस के मुताबिक प्रमोद शर्मा ने अपने भाई संदीप शर्मा से फोन पर आंध्र प्रदेश के तस्करों से बातचीत कराई। प्रमाेद ने मुरैना के गांजा तस्करों को बताया कि आंध्र प्रदेश में गांजा बहुत सस्ते दामों में मिलता है जो कि मध्य प्रदेश समेत राजस्थान और उत्तर प्रदेश में खफा कर ज्यादा माल कमाया जा सकता है। मुख्य सरगना प्रमाेद की डील पर भिंड से प्रमोद अपने दोस्त अजीत शर्मा निवासी रजौदा का एमपी 6 एचसी 1067 ट्रक लेकर गया था। यह ट्रक को ले जाते समय पूरी प्लानिंग तैयार की गई। इस गिरोह में भिंड पुलिस ने मालनपुर के पास प्रमोद का भाई संदीप शर्मा , मुकेश शर्मा ट्रक ड्राइवर, अजय दांगी हेल्पर, जाबिद खान और गोलू खान दो साथी पकड़े।