पुणे । इस्लामिक देश सऊदी अरब की सरकार ने तबलीगी जमात को आतंक का दरवाजा बताते हुए इसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बयान के बाद जमातों के सदस्य भड़क गए हैं। इस बयान के बाद भारत समेत दुनियाभर में फैले तबलीगी जमातियों ने सऊदी अरब सरकार का विरोध शुरू कर दिया है।
महाराष्ट्र में पुणे के तबलीगी जमात के नेता मुफ्ती अकबर हाशमी ने कहा कि आखिर सऊदी सरकार तबलीगी जमात से इसलिए डर रही है, क्योंकि अफगानिस्तान में दोबारा से तालिबान काबिज हो चुका है, तालिबान की हुकूमत कायम हो चुकी है। हाशमी ने कहा कि तालिबानियों ने पहले से ऐलान किया है कि वो देवबंदी मसलत से ताल्लुक रखते हैं। उनके ख्याल, उनका नजरिया इस्लाम पर अमल करने का है। सऊदी सरकार को डर है कि हमारे मुल्क में भी इस जमात (तबलीगी) से जुड़े लोग हैं, वो कहीं सरकार के खिलाफ न खड़े हो जाएं।
हाशमी ने कहा कि 2011 में मिस्र, लीबिया समेत कई मुल्कों में तख्तापलट हुआ, उस वक्त भी सऊदी सरकार को ये डर था कि कहीं हमारे मुल्क में भी तख्तापलट न हो जाए, इसलिए अमेरिकन आर्मी को वहां बुलाया गया और पूरे मुल्क में फैलाया गया। हाशमी ने कहा कि सद्दाम हुसैन का जो तख्तापलट हुआ, उसके पीछे सबसे बड़ी ताकत सऊदी सरकार की थी।
हाशमी ने कहा कि मैं तो समझता हूं कि एक बहुत भयानक इंकलाब आने वाला है। आप मेरी बात याद रखना। हम रहे या न रहे, लेकिन ये इंकलाब जरूर आएगा, खासतौर पर सऊदी अरब में। बहुत जल्द ये हुकूमत रवाना हो जाएगी। हाशमी ने कहा कि तबलीगी जमात का दहशतगर्दी से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है, न कोई ऐसा रिकॉर्ड है। तबलीगी जमात सादगी से जिंदगी गुजारने पर जोर देता है।