लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जिस तरह कड़ी मेहनत कर रही हैं और पार्टी को दोबारा खड़ा करने में जितनी अहम भूमिका निभा रही हैं, उससे देश के दूसरे हिस्सों में भी उनकी मांग बढ़ रही है। खासकर मध्यप्रदेश में। मध्यप्रदेश के कई कांग्रेसी नेता चाहते हैं कि प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने और दोबारा सत्ता में लाने के लिए प्रियंका गांधी को ही यहां आना चाहिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती देने के बाद प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी जाए जिससे वहां पार्टी की भीतरी गुटबाजी को खत्म किया जा सके और आने वाले वक्त में मध्य प्रदेश में कांग्रेस मजबूत हो सके। प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता ने उन्हें भविष्य में मध्यप्रदेश आने का न्योता भी दे दिया है। इसके बाद से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के सियासी मैदान में भी उतर सकती है।

यूपी में अखिलेश की बड़ी रैलियां
दरअसल, यूपी में जहां एक तरफ सत्ताधारी भाजपा लगातार पीएम मोदी की रैलियों के जरिए दोबारा सत्ता में आने की पुरजोर कोशिश में लगी है वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपनी चुनावी रथयात्रा के दौरान कई जिलों में बड़ी बड़ी सभाएं कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस भी अकेले प्रियंका गांधी के दम पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रही है। हालांकि पार्टी ने यूपी में प्रियंका की मुहिम को और मजबूत करने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात के तमाम बड़े नेताओं को भेजा है। एमपी के पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता कमलनाथ भी यूपी में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार अभियान शुरु कर दिया हैं। हाल ही में उन्होंने लखनऊ का दौरा भी किया था। यहां उन्होंने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को यूपी चुनाव में कैसे जीत हासिल करना उसका मंत्र भी दिया था।

कमलनाथ ने दिया प्रियंका को एमपी आने का न्यौता
दरअसल, जब पूर्व सीएम कमलनाथ से उनके उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारियों को लेकर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह लखनऊ गए थे, वहां गजब का उत्साह है, प्रियंका गांधी के यूपी में प्रचार करने से एक अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता जोश से लबरेज है। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने प्रियंका गांधी को मध्यप्रदेश आने के लिए भी आमंत्रित किया है। हालांकि कमलनाथ ने यह नहीं बताया कि प्रियंका गांधी कब मध्यप्रदेश आ सकती हैं। लेकिन उनके इस बयान के बाद प्रदेश के सियासी हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है। प्रियंका गांधी अब एमपी में भी सक्रिय हो सकती है।

पहले गुटबाजी हो खत्म
मध्यप्रदेश के एक कांग्रेस नेता ने अमर उजाला को बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चली गई। इसके बाद से ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल बना हुआ है। पार्टी उप चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। चाहे कमलनाथ हो या अन्य बड़े नेता, वे लगातार कार्यकर्ताओं के बीच जा जरूर रहे है लेकिन कार्यकर्ताओं का उत्साह नहीं बढ़ा पा रहे हैं। अगर प्रियंका एमपी आती है तो कार्यकर्ताओं को मनोबल बढ़ेगा और वे दमखम से मैदान उतर सकेंगे। हालांकि मध्य प्रदेश के चुनावों में अभी वक्त है। इससे पहले यहां हाईकमान को गुटों में बंटी पार्टी को एकजुट करना होगा। अगर सभी गुट एकजुट नहीं हुए तो प्रियंका या राहुल के भी आने से कोई फायदा नहीं होगा।


2019 में भी एमपी में चुनावी रैलियां की थीं प्रियंका ने
मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव 2023 में होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। ऐसे में प्रियंका गांधी को यहां बुलाए जाने की हलचल 2023 की तैयारी के हिसाब से एक बड़ा दांव माना जा रहा है। यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस इस बार जोश से लबरेज नजर आ रही है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं होगा जब प्रियंका गांधी एमपी में कांग्रेस का प्रचार करती या पार्टी के पक्ष में माहौल बनाती हुई नजर आएंगी। इससे पहले वह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिए मध्यप्रदेश आ चुकी हैं।

यूपी चुनाव के नतीजों से साफ हो जाएगी तस्वीर
प्रियंका गांधी के मध्यप्रदेश के दौरे को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। प्रदेश के भाजपा नेताओं का कहना है कि कमलनाथ अपने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी बचाने के लिए गांधी परिवार की परिक्रमा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा कोई नेता बचा नहीं है। यूपी के चुनाव में प्रियंका कितनी असरदार होंगी यह चुनाव के नतीजों से साबित हो जाएगा।