
नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित सीमा सुरक्षा बल के 57वें स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों को पदक प्रदान किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज कोई भी हमारी सीमा और हमारी सेनाओं को हल्के में नहीं ले सकता। भारत ने दुनिया को कड़ा संदेश दिया है अमित शाह ने कहा, ‘’आज़ादी मिले हुए 75 साल हो गए हैं और पीएम मोदी जी ने इस वर्ष को अमृत महोसव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जब आज़ादी की शताब्दी होगी यानी आज से 25 साल तक तब 75 से 25 साल का ये कालखंड अमृतकाल के रूप में देखेगा भी और इसके लक्ष्य तय कर मनाएगा भी।’’ उन्होंने कहा, ‘’आज बीएसएफ का 57वां स्थापना दिवस है। स्थापना के बाद पहली बार आज बीएसएफ का स्थापना दिवस देश की सीमा के ज़िले में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस परंपरा को जारी रखना चाहिए।’’ अमित शाह ने कहा, ‘’देश के पुलिस बल, बीएसएफ और सीएपीएफ के 35,000 से अधिक जवानों ने अलग-अलग जगह पर अपना बलिदान दिया है। मुझे गर्व है कि बीएसएफ इसमें अग्रणी है। मैं सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी जवानों को देश की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं। आज दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल बीएसएफ है।’’ उन्होंने कहा, ‘’2014 से देश की सीमाओं की सुरक्षा को गंभीरता से भारत सरकार ने लिया है। जहां-जहां भी सीमा पर अतिक्रमण करने का प्रयास हुआ, हमने तुरंत जवाबी कार्रवाई की है। हमारी सीमा को और हमारे जवानों को कोई हल्के में नहीं ले सकता, ये संदेश भारत ने दिया है।

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