आयोग ने की अनुशंसा

बैतूल  मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने रोड़ एक्सीडेंट में घायल गंजू नर्रे को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराने के कारण उसकी मौत हो जाने के मामले में मृतक के वैध वारिसों को पच्चीस हजार रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह में अदा करने को कहा है। मामला बैतूल जिले का है। प्रचलित प्रकरण क्र. 3324/बैतूल/2020 में आयोग ने राज्य शासन को यह अनुशंसा करते हुये कहा है कि शासन चाहे तो इस क्षतिपूर्ति की वसूली दोषी पुलिसकर्मियों से कर सकता है। आयोग ने अपनी अनुशंसा में यह भी कहा है कि राज्य शासन यह स्पष्ट दिशा- निर्देश मध्यप्रदेश के सभी पुलिस थानों के संबंध में जारी करे कि रोड़ एक्सीडेंट के मामलों में पीडित/आहत व्यक्ति का चिकित्सकीय परीक्षण आवश्यक रूप से यथाशीघ्र निकटतम अस्पताल या चिकित्सालय में कराया जाये, क्योंकि किसी पीड़ित/आहत व्यक्ति को रोड़ एक्सीडेंट में कोई दृश्यमान चोट प्रकट न होने पर भी इस कारण आंतरिक चोट आना संभव है और उसके संबंध में विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा ही स्पष्टतः कहा जा सकता है। राज्य शासन यह दिशा-निर्देश भी जारी करे कि रोड़ एक्सीडेंट के ऐसे मामलों में जबकि पीड़ित/आहत को थाने पर भी लाया जाता है, तो इस संबंध में थाने के रोजनामचा रजिस्टर में सम्पूर्ण कार्यवाही का इंद्राज आवश्यक रूप से कराया जाये और यदि किसी संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध होना दिखाई दे, तो उस संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।