इस्लामाबाद । अफगानिस्तान के बिगड़ते हालातों से पूरा विश्व वाकिफ है ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों तालिबान के रहनुमा बने हुए हैं। वे लगातार पूरी दुनिया को तालिबान सरकार के साथ राजनयिक संबंध बनाने और मानवीय सहायता देने की अपील कर रहे हैं। इमरान खान ने अब कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि दुनिया अफगानिस्तान से अलग होने की गलती नहीं दोहराएगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान मानवीय संकट को टालने के लिए अफगानिस्तान को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी बयान के अनुसार, अफगानिस्तान पर शीर्ष समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए इमरान खान ने कहा कि युद्धग्रस्त देश से अलग होना दुनिया के लिए नुकसानदायक होगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के कमजोर लोगों का समर्थन करने का आग्रह किया। इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पहले ही 5 बिलियन रुपए की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें खाद्य वस्तुएं और आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति शामिल है।
समिति ने बताया गया कि प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार जमीनी सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश करने वाले सभी अफगानों के लिए मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण की सुविधा चल रही है। बयान में कहा गया है कि अफगानों के लिए पाकिस्तानी वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इमरान ने अधिकारियों को अफगानिस्तान में प्रयासों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान से काम करने के इच्छुक मानवीय संगठनों को सुविधा प्रदान करने का भी निर्देश दिया। बैठक में शामिल सभी लोगों ने अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति के बारे में अपनी चिंता दोहराई। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अफगान अवाम को उनकी जरूरत के समय में नहीं छोड़ेगा। रविवार को इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक भी आयोजित की जा रही है। इसमें अफगानिस्तान में पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस बैठक में सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ मोईद यूसुफ, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, गृह मंत्री शेख राशिद अहमद, योजना मंत्री असद उमर, वित्त पर प्रधानमंत्री के सलाहकार शौकत तारिन, सलाहकार वाणिज्य और निवेश पर प्रधान मंत्री अब्दुल रजाक दाऊद और अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए थे।