सारंगपुर।। राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचल पड़ाना मगराना आसारेट मऊ करौंदी टिकोद नैनवाड़ा बरूखेड़ी मंगिया खेड़ी ग्वाड़ा अखियां खेड़ी रामपुरिया खेड़ा सहित अन्य गांव मैं इन दिनों हिरणों एवं नील गायों ने आतंक फैला रखा है हिरण का झुंड एवं नीलगाय गेहूं चना मसूर आलू लहसुन प्याज धनिया रायडा इत्यादि फसलों को चौपट कर रही है क्षेत्र के पट्टा धारी एवं छोटे-मोटे किसान जीवन टेलर तुलसीराम जाटव रमेश चंद्र वर्मा विक्रम वर्मा कन्हैया लाल मालवीय करण सिंह वर्मा भंवरलाल फकीरचंद बोदरसिंह वर्मा जितेंद्र खाती गोपाल सिंह आशु व्यास आनंदी लाल खाती रितिक व्यास दिनेश खाती भोजराज खाती प्रेम नारायण डाबरा अनोखी खाती विक्की गुर्जर नारायण परमार महेंद्र पाटीदार राजेश चंद्रवंशी गोवर्धन पाटीदार योगेंद्र परमार पप्पू विश्वकर्मा दिलीप खाती एलम सिंह परमार रमेश खाती बलदेव सिंह परमार दिनेश परमार नान साहब परमार लक्ष्मी नारायण परमार ने बताया कि महंगे दामों में प्याज लहसुन आलू गेहूं चना इत्यादि फसल के बीज को खरीद कर अंकुरित किया एवं समय-समय पर दवाई खाद इत्यादि दी गई ताकि फसलों में अन्य बीमारी ना लगे लेकिन हिरण एवं नीलगाय के झुंड आए दिन हमारी फसलों को चौपट कर रहे हैं जिससे हमें हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है साथ ही कई किसानों ने बताया कि खेतों में खड़ी उपज बचाने के लिए रात में भी पहरेदारी करनी पड़ती है वही हिरणों के झुंड को भगाने के कारण पड़ोसी किसानों से कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है शासन प्रशासन को इस और ध्यान देकर किसानों की फसल को इन जंगली जानवरों से बचाव हेतु कुछ कदम या समस्या से निदान हेतु उचित कदम उठाना चाहिए ताकि क्षेत्र के किसानों को इस समस्या से छुटकारा मिले।
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