नई दिल्ली । बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत  के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके सभी सोशल मीडिया पोस्ट को भविष्य में सेंसर करने की मांग की गई है। किसान आंदोलन को खालिस्तान से जोड़ने वाले कंगना रनौत के बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वकील सरदार चरणजीत सिंह ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने मांग की है कि कंगना के सभी सोशल मीडिया पोस्ट केंद्र और राज्य सरकारों की अनुमति मिलने पर ही प्रकाशित हों। सिंह ने कहा कि सभी एफआईआर मुंबई के खार थाने में ट्रांसफर हों और 6 माह के भीतर जांच पूरी हो। दरअसल, कृषि कानूनों के वापस होने के बाद रनौत ने सिख समुदाय पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। वहीं दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने उन्हें समन भेजा था।
बीते दिनों अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में सिख समुदाय के डेलीगेशन ने कंगना रनौत के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर सोमवार को पहले खार पुलिस स्टेशन में सीनियर इंस्पेक्टर से मुलाकात की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल से भी मुलाकात की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मुंबई पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया था।


उधर, अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उनकी पोस्ट को लेकर धमकी मिलने के बाद उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई है। रनौत ने इंस्टाग्राम पर हिंदी में एक लंबा बयान पोस्ट किया और आरोप लगाया कि उन्हें अपने हालिया पोस्ट को लेकर ‘विघटनकारी ताकतों’ से ‘लगातार धमकियां’ मिल रही हैं। बठिंडा के एक व्यक्ति ने मुझे खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। मैं इस तरह की धमकियों से नहीं डरती।