मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर पीड़ित को उसके लंबित मानदेय के रूप में 25 हजार रूपये का भुगतान मिल चुका है। मामला नीमच जिले का है। आयोग ने एक समाचार पत्र में इस संबंध में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया था।
आयोग के प्रकरण क्र. 7392/नीमच/2021 के अनुसार नीमच जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मनासा में पदस्थ कर्मचारी श्री साजन चौहान ने बीते छह माह से वेतन न मिलने से परेशान होकर 23 अक्टूबर 2021 को कीटनाशक पी लिया था। उसे गंभीर हालत में नीमच के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़ित ने बताया था कि वह कोविड काल से ही मनासा के अस्पताल में आॅक्सीजन प्लांट में कार्यरत है। मगर पिछले छह माह से उसे वेतन ही नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में उसने बीएमओ से लेकर एमएलए व अन्य जनप्रतिनिधिओं के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया था, परंतु इसके बावजूद भी उसको वेतन नहीं दिया गया। ऐसे में उसके परिवार की भूखे मरने की स्थिति आ गई थी। इसी से आहत होकर उसने कीटनाशक दवा का सेवन करके अपनी जान देने का प्रयास किया था। उसने बीएमओ सहित लिपिक पर भी रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाये थे।  
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नीमच से जवाब मांगा था। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नीमच ने आयोग को अवगत कराया है कि साजन चौहान को मई 2021 से सितम्बर 2021 तक कुल पांच माह के लंबित मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। साजन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। चूंकि पीड़ित की समस्या का अंतिम निराकरण हो चुका है, अतः आयोग में अब यह प्रकरण समाप्त कर दिया गया है।