मुंबई  मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) पिछले पांच सालों में निवेशकों को सबसे ज्यादा फायदा देने वाली कंपनी रही है। जबकि, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी एंटरप्राइज लगातार फायदा देने वाली कंपनी रही हैं।

रिपोर्ट में दी गई जानकारी

मोतीलाल ओसवाल की 26 वीं सालाना वेल्थ क्रिएशन रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक, RIL तीसरी बार सबसे ज्यादा फायदा देने वाली कंपनी बनी है। इसने 2016 से 2021 के दौरान निवेशकों की संपत्ति में 9.7 लाख करोड़ रुपए की बढ़त की है। इसके पहले 2014 से 2019 के दौरान 5.6 लाख करोड़ रुपए का फायदा इसने निवेशकों को दिया था।

तीन IT कंपनियां भी रहीं टॉप पर

रिलायंस के बाद सबसे ज्यादा वेल्थ जोड़ने वाली कंपनियों में तीन IT कंपनियां, तीन बैंक और एक फाइनेंशियल कंपनी रही। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) ने 7.29 लाख करोड़ रुपए जोड़े, जबकि HDFC बैंक ने इसी दौरान 5.18 लाख करोड़ रुपए जोड़े। हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने 3.42 लाख करोड़ रुपए और टेक कंपनी इंफोसिस ने 3.25 लाख करोड़ रुपए जोड़े। ICICI बैंक HDFC और कोटक महिंद्रा बैंक भी सबसे ज्यादा वेल्थ जोड़ने वाली कंपनियों में शामिल रहे।

रिलायंस का फायदा 5 सालों में 8% की दर से बढ़ा

RIL का फायदा पिछले 5 सालों में सालाना 8% की दर से बढ़ा है। इसका शेयर का भाव इसी दौरान 31% की दर से बढ़ा है। TCS, HDFC और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) भी निवेशकों की संपत्ति को बढ़ाने में प्रमुख योगदान देने वाली कंपनी रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि अडाणी ट्रांसमिशन 2016 से 2021 के दौरान सबसे तेजी से वेल्थ क्रिएट करने वाली कंपनी रही है। इसने सालाना 93% की दर से रिटर्न दिया है। यानी, एक लाख रुपए का निवेश एक साल में 1.93 लाख रुपए हो गया।

इसके बाद दीपक नाइट्रेट रही है। इसने सालाना 90% कंपाउंडिंग एन्यूएल ग्रोथ रेट (CAGR) की दर से संपत्ति बढ़ाई है। अडाणी एंटरप्राजेज ने इसी दौरान 86% की दर से निवेशकों की संपत्ति बढ़ाई है।

CAGR का मतलब चक्रवृद्धि ब्याज

CAGR का मतलब चक्रवृद्धि ब्याज से होता है। उदाहरण के दौर पर आपने 1 लाख रुपए लगाए और वह बढ़कर 1.93 लाख रुपए हो गया, तो फिर इस पूरी रकम को निवेश कर दिया जाता है। यानी, जो आपने 93 हजार रुपए कमाए उस पर भी आपको फायदा मिलता है। 2016 में अगर आपने तेजी से संपत्तियों का निर्माण करने वाली टॉप 10 कंपनियों में 10 लाख रुपए का निवेश किया होगा तो यह रकम अब 1.7 करोड़ रुपए हो गई है।

इसका मतलब सालाना 77% का CAGR की दर से फायदा मिला है। इसी दौरान सेंसेक्स केवल 14% CAGR की दर से बढ़ा है।

अडाणी एंटरप्राइजेज आलराउंडर शेयर

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार अडाणी एंटरप्राइजेज आलराउंडर शेयर रहा है। 2016-21 के दौरान इसने 86% CAGR की दर से रिटर्न दिया है। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप शेयर्स की बात करें तो अलकाइल अमाइंस ने 79% CAGR की दर से रिटर्न दिया है। P&G हेल्थ ने 57%, विनाती आर्गेनिक्स ने 48%, एस्ट्राल ने 45, आरती इंडस्ट्रीज ने 40, SRF ने 33 और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 31% और अडाणी ट्रांसमिशन ने 93% CAGR की दर से फायदा दिया है।

अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 26 गुना बढ़ा

हालांकि शेयर्स की कीमतों को बढ़ने की बात करें तो पांच साल में अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर का भाव 26 गुना बढ़ा, जबकि दीपक नाइट्रेट का शेयर 24 गुना बढ़ा है। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 22 गुना, रुचि सोया का 20 गुना, अलकाइल अमाइंस का 18 गुना, वैभव ग्लोबल का 12 गुना और एस्कार्ट का शेयर 9 गुना बढ़ा है।