रही है। हमें भी इस संकट की आहट सुनाई दे रही है। अतः समस्त जिलों में ऐसी व्यवस्था चॉक-चौबंद रखी जाये, जिससे कोरोना प्रभावित होने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए समस्त कलेक्टर कोरोना केयर सेंटरों एवं वार्डो की सतत् समीक्षा एवं ट्रायल रन करवाते रहे। जिससे आवश्यकता पड़ने पर इन्हे तत्काल प्रारंभ करवाया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने शुक्रवार को आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उक्त निर्देश प्रदेश के सभी कलेक्टरों को दिये। इस दौरान उन्होने बताया कि राज्य शासन द्वारा नवीन परिस्थितियों के मद्देनजर गाईड लाईन जारी की गई है। इसका पालन एवं जागरूकता का कार्य सतत् प्रारंभ किया जाये। मुख्यमंत्री की इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में एनआईसी बड़वानी के माध्यम से कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ श्री ऋतुराजसिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दिये गये निर्देश
- महाराष्ट्र एवं गुजरात से लगे प्रांतों के कलेक्टर विशेष सतर्कता एवं सजगता रखे।
- नाईट कफर््यू का पालन सख्ती से करवाया जाये।
- शिक्षण संस्थानों, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर आने-जाने वालों को कोरोना वैक्सीनेशन लग गई है। यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाये।
- शासकीय चिकित्सालयों में लगाये गये आक्सीजन संयंत्र का सतत् ट्रायल लिया जाये। जिससे वे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपयोग में आ सके।
- साथ ही पूर्व में गैस सिलेण्डर से होने वाली सप्लाय का भी आंकलन किया जाये। वही आक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन का भी परीक्षण कर, उसे वर्किंग मोड में रखा जाये।
- मास्क नही लगाने वालों पर जुर्माना लगाकर वसूलने की कार्यवाही की जाये।
- जिलों में कोरोना पाजिटिव केस आ रहे है, अतः इसकी रोकथाम की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये।
- कोरोना पाजिटिव लोगों के उपचार की माकूल व्यवस्था हो, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना में 31 मार्च 2022 तक प्रायवेट अस्पतालों में होने वाले उपचार की अवधि बढ़ाई गई है।
- समस्त कलेक्टर शासकीय एवं अशासकीय अस्पतालों की मैपिंग कर सुनिश्चित करेंगे कि उनके यहां कोरोना के मद्देनजर समस्त व्यवस्थाएं चॉक-चौबंद है।
- आवश्यकता पड़ने पर तत्काल कोविड केयर सेंटर को प्रारंभ किया जाये। वहां पर दवाईयों का पर्याप्त स्टाक हो, यह भी देखा जाये।
- कोरोना पाजिटिव आने वाले व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों का अनिवार्य रूप से टेस्ट करवाया जाये। इसमें कोताही नही दिखाई जाये।
- टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाया जाये, जिससे प्रारंभिके अवस्था में ही लोगों की पहचान कर उनका ईलाज करवाया जा सके।
- शत प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराया जाये। जिन्होने अभी भी वैक्सीनेशन नही करवाया है, उनके घर टीम भेजकर वैक्सीनेशन करवाया जाये।
- सोशल डिस्टेंस का पालन करने हेतु प्रचार-प्रसार, रोको-टोको अभियान पुनः तेजी से प्रारंभ किया जाये।
- क्राइसिस मैनेजमेंट समिति को पुनः सक्रिय किया जाये। और आवश्यक हो तो इनका विस्तार भी किया जाये।
- क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक लेकर उन्हे नवीन परिस्थितियों से अवगत कराते हुए ओर सक्रिय किया जाये।
- कोरोना को रोकने एवं प्रभावितों का उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये।
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