भोपाल। इंदौर व आसपास के क्षेत्र को राजस्थान से जोड़ने वाले लेबड़-नयागांव फोरलेन मार्ग पर दुर्घटना में प्रतिमाह औसतन 32 मौत होती हैं। अब तक तीन हजार 744 मृत्यु हो चुकी हैं। 26 दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं, पर उन्हें सुधारने की दिशा में आज तक कोई ठोस काम नहीं हुआ है। नीमच जिले में स्थित जावद मार्ग पर रेलवे ओवर ब्रिज नहीं होने की वजह से लंबा जाम लगता है।
अल्ट्राटेक कंपनी को यह ब्रिज बनाना चाहिए। इसके लिए सरकार कदम उठाए। यह मांग यशपाल सिंह सिसोदिया ने विधानसभा में बुधवार को ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाई। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि अनुबंध में कंपनी द्वारा आरओबी बनाने का प्रविधान नहीं है, लेकिन जमा की स्थिति को देखते हुए अल्ट्राटेक कंपनी, ठेकेदार और अधिकारियों के साथ बैठक करके समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
सिसोदिया ने बताया कि लेबड़-नयागांव फोरलेन मार्ग की निर्माण लागत 870 करोड़ रुपये थी। अब तक ठेकेदार इस सड़क पर दो हजार 790 करोड़ रुपये टोल टैक्स ले चुके हैं। वर्ष 2033 तक अनुबंध है। जावद मार्ग पर स्थानीय उद्योग विक्रम सीमेंट फैक्टरी (वर्तमान में अल्ट्राटेक) को स्वयं के व्यय पर समपार फाटक बनाने की अनुमति सड़क विकास निगम ने दी थी। आरओबी नहीं होने की वजह से घंटों जाम लगता है और आवागमन प्रभावित होता है।
इसी फोरलेन पर नामली, कचनारा, पिपलिया मंडी में आरओबी बने हैं पर कंपनी जावद मार्ग पर नहीं बना रही है, जबकि विधानसभा की समिति ने भी इसकी अनुशंसा की थी। विधायक सिसौदिया ने टोल वसूली पर रोक लगवाने और वाहनों के आने-जाने की पुनर्गणना करवाने की मांग रखी।
अनुबंध निरस्त करने पर विचार करेंगे
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सीमेंट कंपनी के साथ जब अनुबंध हुआ था, उसमें यह उल्लेख नहीं है कि वह मार्ग बंद करेगी तो आरओबी बनाकर देगी। कंपनी के अधिकारी, ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों को बुलाकर तय करेंगे कि आरओबी बनाने के लिए क्या किया जा सकता है। कंपनी नहीं बनाती है तो राज्य सरकार अपने संसाधनों से बनवाएगी क्योंकि रेलवे की ओर से यह स्वीकृत नहीं है। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को ठीक करने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया जाएगा। यदि नहीं करेंगे तो अनुबंध निरस्त करने पर विचार किया जाएगा।
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