बस्ती। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक षिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल की  अध्यक्षता में शनिवार को संगठन पदाधिकारियों की बैठक प्रेस क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक द्वारा घोषित आगामी 27 दिसम्बर को बीएसए कार्यालय पर होने वाले राष्ट्रीय आन्दोलन की रणनीति पर विचार किया गया। धरने में सभी राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्षों को पत्र देकर आमंत्रित करने पर सहमति बनी कि वे पुरानी पेंशन नीति बहाली सहित अन्य मुद्दों पर समर्थन करें। बैठक में संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि पुरानी पेंशन नीति बहाली, शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को शिक्षक बनाने, रसोईयों के विनयमितीकरण सहित  7 वां वेतन एवं  विभिन्न बकाया भुगतान की मांग को लेकर 15 दिसम्बर को जनपद के सभी बीआरसी केन्द्रों पर मांगों के समर्थन में धरना एवं ज्ञापन देने के बाद अब 27 दिसम्बर को जिला स्तर पर धरना देकर ज्ञापन दिया जायेगा। कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों के लिये दिसम्बर और जनवरी माह में करो या मरो जैसी स्थिति है, दो माह तक संघर्ष जारी रखा गया तो पुरानी पेंशन नीति बहाली के साथ ही अन्य समस्याओं का समाधान संभव है। बताया कि आन्दोलन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ ही शिक्षक, शिक्षा मित्र, सफाईकर्मी, रसोईया, अनुदेशक, आंगनवाडी सहित सभी संविदाकर्मी हिस्सा लेंगे। निर्णय लिया गया कि रविवार 19 दिसम्बर को सभी ब्लाक संगठन के पदाधिकारियों की बैठक होगी जिसमें अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं संयुक्त मंत्री की पांच टीम बनायी जायेगी जो सोमवार 20 दिसम्बर से अलग-अलग न्याय पंचायतों के विद्यालयांें में पहुंचकर शिक्षक, शिक्षा मित्र, सफाईकर्मी, रसोईया, अनुदेशकों से 27 दिसम्बर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर आयोजित धरने में हिस्सा लेने का आग्रह करेगी। कहा कि शिक्षक, कर्मचारी अधिकारों के लिये एकजुट हो।
संघ के जिला मंत्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि आन्दोलन की सफलता के लिये पूरी ताकत लगा देने की जरूरत है, सरकार शिक्षकों, कर्मचारियों की जायज मांगों को भी लगातार अनसुनी कर रही है। अखिलेश मिश्र, विजय प्रकाश चौधरी, शैल शुक्ल, महेश कुमार आदि ने एकजुटता पर जोर दिया। तैयारी बैठक में सन्तोष शुक्ल, बब्बन पाण्डेय, रामभरत वर्मा, अखिलानन्द यादव, दिवाकर सिंह, इन्द्रसेन मिश्र, राजेश कुमार, विनय कुमार, त्रिलोकीनाथ, रजनीश मिश्र, आनन्द प्रताप सिंह, उमाशंकर मणि त्रिपाठी  के साथ ही अनेक पदाधिकारी और शिक्षक शामिल रहे।