बिलासपुर । साल 2021 बीतने में अब चंद दिन ही बाकी हैं. इस गुजरते साल में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कई ऐसे फैसले हुए जो छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में चर्चा में बने रहे।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कई ऐसे मामलों की सुनवाई हुई, जो पूरे साल सुर्खियों में रहे. याचिकाओं को लेकर कोर्ट के फैसलों और सुनवाई पर चर्चाएं होती रहीं, जो आम लोगों से लेकर राज्य सरकार और राजनीतिक दलों के लिए उत्सुकता बनी रहीं. कोर्ट के हस्तक्षेप और नोटिस के बाद कई रुके काम शुरू हुए और कई लोगों को उनका सीधा लाभ मिला.
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विमान सेवा हुई शुरू
अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से बिलासपुर में हवाई सेवा की मांग की जा रही थी, लेकिन केंद्र सरकार का उड्डयन मंत्रालय ने इसे कभी तवज्जो नहीं दी. लंबे समय से चल रही इस मांग के पूरी नहीं होने से त्रस्त बिलासपुर के पत्रकार कमल दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा. इसके बाद उड्डयन मंत्रालय ने जवाब पेश किया. कुछ समय बाद बिलासपुर से नियमित विमान सेवा शुरू कर दी गई.
बिलासपुर में कई बड़ी कंपनियां होने की केंद्र सरकार को दी गई जानकारी
कोर्ट के माध्यम से भारत सरकार को बताया गया कि राज्य के साथ ही बिलासपुर में बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं. उनके माध्यम से यहां कई बड़े लोग आते हैं. यहां नियमित विमान सेवा की आवश्यकता है. बिलासपुर में एसईसीएल, एनटीपीसी और रेलवे के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय और कई बड़ी संस्थाएं भी हैं. इसके अलावा यहां से दिल्ली और मुम्बई के लिए यात्रियों को रायपुर जाना पड़ता है. कोरबा में बालको कंपनी, बिजली उत्पादन करने वाली शासकीय और गैर शासकीय कंपनियां भी हैं. प्रदेश में राष्ट्रीय राजनैतिक दलों से जुड़े सांसद और जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें नियमित रूप से दिल्ली जाने के लिए विमान सेवा की आवश्यकता पड़ती है. हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बिलासपुर में विमान सेवा शुरू की गई है.
चर्चित मामले जो सुर्खियां बने
प्रदेश के कई ऐसे मामले हैं, जो हाईकोर्ट में याचिका लगने के बाद 2021 में सुर्खियों में बने रहे. इनमें सबसे बड़ा मामला प्रदेश पुलिस के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह  का है. जीपी सिंह के मामले में राज्य सरकार द्वारा उन पर की गई एफआईआर और राजद्रोह के मामले की याचिका की चर्चा प्रदेश में होती रही. आम लोगों से लेकर राजनीतिक और शासकीय अधिकारियों के बीच इस याचिका को लेकर चर्चा होती रहती थीं. महीने में 1 से 2 बार निलंबित आईपीएस जीपीसी की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होती थी. यह छत्तीसगढ़ के अखबार और चैनलों में सुर्खियां भी बनती रहती थीं.
आय से अधिक संपत्ति के मामले भी
कोर्ट में याचिका के माध्यम से पहुंचे प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में कई आईएएस और आईपीएस के मामले भी कोर्ट में आए. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के कई मामले कोर्ट में आए, जिसकी सुनवाई जारी रही. कोर्ट में पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह  का मामला भी सुर्खियों में रहा. आय से अधिक संपत्ति मामले में उन पर की गई कार्यवाही के विरोध में पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. यह मामला भी ब्योरोक्रेसी में चर्चा का विषय बना रहा.
नान घोटाला पर भी लगी है याचिका
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन विपक्षी पार्टी ने नान घोटाला  को लेकर मुद्दा बनाया था. इसपर जांच और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर याचिका लगाई गई है. याचिकाओं को लेकर हाई कोर्ट में इस मामले की भी सुनवाई हुई. इसके बाद से ही नान घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक मुद्दा बन गया. विपक्ष जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाता रहा. साल 2021 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट कई मामलों में राज्य, केंद्र सरकार और उनके मंत्रालयों, अधिकारियों और नेताओं को नोटिस जारी करता रहा.