गया। बोधगया बम प्लांट मामले में NIA (National 

Investigating Agency) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया। 

एनआइए कोर्ट ने पांच आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई हैजबकि तीन दोषियों को 

उम्रक दिया है। पैंगबर शेखनूर आलम मोमिन और अहमद अली आजीवन जेल में रहेंगे। 

आरिफ हुसैनआदिल शेखमुस्तफिज रहमानदिलावर हुसैनअब्दुल को दस वर्षों के कारावास की सजा दी गई है। ये सभी बांग्लादेश आतंकी संगठन से जुड़े थे। 

आरोपियों ने 2018 में बोधगया में बम प्लांट किया था। 

बम उस वक् प्लांट किए गए थेजब बौध धर्मगुरु दलाई लामा समेत अन् गणमान् अतिथि बोधगया में मौजूद थे।

10 दिसंबर को अदालत में बताया था दोषी

बताते चलें कि विशेष अदालत ने 10 दिसंबर को 2018 में बोधगया में बम प्लांट किए जाने के मामले में आठ आरोपितों को दोषी करार दिया था।

 इनमें अहमद अली उर्फ कालूदिलावर हुसैनपैगंबर शेखमुस्तफा रहमान उर्फ शाहीन उर्फ तुहिननूर आलम मोमिनआरिफ हुसैन उर्फ अताकुर उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेखमोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह और अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फन्टू शेख शामिल हैं। 

वहींएक अभियुक् जहीदुल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया। शुक्रवार की सुबह से ही सभी लोगों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी थी।

क्या है मामला

19 जनवरी, 2018 को बोधगया में निगमापूजा का आयोजन किया गया था। 

इसमें दलाई लामा शामिल होने वाले थे। 

उनके साथ सैंकड़ों विदेशी पयर्टक समेत राज् के गणमान् अतिथि भी पूजा में शिरकत करने वाले थे। बांग्लादेशी आंतकी संगठन से जुड़े इन आठ आरोपियों ने कालचक्र मैदान के मुख् द्वार के सामने जेनरेटर के नीचे थैले में बम रख दिया था। 

इसके अलावा महाबोधि मंदरि के मेन गेट नंबर चार की सीढ़ी के पास विस्फोटक रखे गए थे। कुछ विस्फोटक सामग्री जहां-तहां छिपाकर रखी गई थी। 

एक जगह पर हल्की आवाज के साथ धुआं निकलने पर सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लियातब आतंकियों की साजिश का पता चला