विश्वरंग में इंटरनेशनल मुशायरे ने बांधा समा, मंत्री कमल पटेल ने की महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत
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विश्वरंग में इंटरनेशनल मुशायरे ने बांधा समा, मंत्री कमल पटेल ने की महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत

- वेलकम सेरेमनी में मंत्री कमल पटेल हुए शामिल
-चिल्ड्रन फेयर कार्निवल की भी हुई शुरुआत
- बाल मूवी 'pahuna: the little visitors' की हुई स्क्रीनिंग
- फिल्म PAHUNA की को-प्रोड्यूसर प्रज्ञा राठौर ने की चर्चा
-दिग्गज़ शायरों ने इंटरनेशनल मुशायरे में बांधा समां



26 नवंबर। भोपाल। विश्वरंग – टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य, संगीत एवं कला महोत्सव के दूसरे दिन की रंगारंग शाम की शुरुआत इंटरनेशनल मुशायरे से हुई। प्यार घड़ी भर का भी बहुत है, झूठा सच्चा मत सोचा कर... यूएस से आए फरहात शहज़ाद ने मंच से अपनी गज़ल की नज्म से शुरुआत की। वहीं मुंबई से आए मशहूर शायर शकील आज़मी ने आंख मिलते ही नई चाल में आ जाता है, दिल परिंदा है तेरे जाल में आ जाता है, तेरे रोने की खबर रखती है आंखे मेरी, तेरे आंसू में रुमाल मे आ जाता है...

मुशायरे की इस शाम को जीवंत बनाते हुए आलोक श्रीवास्तव, नुसरत मेंहदी, शाद जांलधर, खुशबीर सिंह, इकबाल असर, मनोज सगोरिया जैसे प्रतिष्ठित शायरों ने शिरकरत की। मुशायरे का मंच संचालन मशहूर शायर वद्र वास्ती ने किया। इस दौरान उन्होंने अपनी गजल इश्क से आपकी जो दूरी है, आपकी जिंदगी अधूरी है, लुफ्त जीने का चाहते हो अगर, प्यार करना बहुत जरुरी है... को पेश किया।  

आलोक श्रीवास्तव ने गजल की नज्म जो दिख रहा है सामने वो दृश्य मात्र है, लिखी रखी है पटकथा मनुष्य पात्र है... को पेश करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं अज़हर इकबाल ने गाली  को प्रणाम समझना पड़ता है, मधुशाला को धाम समझना पड़ता है। आधुनिक कहलाने की अंधी जिद में, रावण को राम समझना पड़ता है। अपनी नज्म से शुरु किया । कार्यक्रम में शायरों ने बेहतरीन और मंत्रमुग्ध कर देने वाली नज्मों और गज़लों से समा बांध दिया। इस इंटरनेशनल मुशायरे का मजा लेने बड़ी तादाद में श्रोतागण उपस्थित हुए।  

विश्वरंग महोत्सव के दूसरे दिन की औपचारिक शुरुआत मंत्री कमल पटेल की गरिमामई उपस्थिति में हुई। मंत्री पटेल ने साहित्य और कला महोत्सव विश्वरंग में शामिल होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि भोपाल में हो रहे साहित्य कला महोत्सव विश्वव्यापी हो चुका है। आज 26 से ज्यादा देश इसमें इसमें शामिल हो रहे हैं। विभिन्न कला और कलाकारों को एक साथ लाने का काम यह मंच बखूबी कर रहा है। 


चिल्ड्रन फेयर कार्निवल का का उद्घाटन
आरएनटीयू में शुक्रवार को चिल्ड्रन फेयर कार्निवल का उदघाटन भी किया गया। बच्चों के लिए कार्निवाल में पेंटिंग वर्कशॉप, मास्क मेकिंग वर्कशॉप, काईट फ्लाइंग वर्कशॉप, कलर मिक्सिंग वर्कशॉप, पॉटरी और पपेट वर्कशॉप  आदि का आयोजन किया गया। इन वर्कशॉप में बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटी सिखाई गई। इस दौरान बच्चों ने बढ़ चढ़कर एक्टिविटीज में भाग लिया।


फिल्म PAHUNA की हुई स्क्रीनिंग
आज विश्व रंग में बाल मूवी 'pahuna: the little visitors' की स्क्रीनिंग की गई। यह मूवी प्रियंका चोपड़ा द्वारा निर्मित और पाखी टायरवाला द्वारा निर्देशित एक भारतीय नेपाली भाषा फ़िल्म है। इस फ़िल्म में नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और जटिल वातावरण से भागते वक़्त अपने परिवार से बिछड़े तीन बच्चों की कठिनाई और उत्तरजीविता की कहानी प्रस्तुत की गई है। विश्वरंग में  फिल्म की को-प्रोड्यूसर प्रज्ञा राठोर ने युवाओं से बात करते हुए, उन्होंने फिल्म मेंकिंग, चिल्ड्रेन सिनेमा से जुड़ी बारीकियों के बारे में बातया।


विश्वरंग में मांडला आर्ट की वर्कशॉप
विश्वरंग के एक सत्र के रूप मे मांडला आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया गया।  मांडला आर्टिस्ट पूजा जालोरी ने बच्चों को मांडला डिज़ाइन बनाना सिखाया। उन्होंने बताया कि मांडला बनाने के लिए डूडल पेन, प्रकार और स्केल की जरूरत होती है। मांडला आर्ट को मेडिटेटिव आर्ट या थेरेपुटिव आर्ट भी कहा जाता है क्योंकि मंडला डिज़ाइन आपके दिमाग को शांत करता है। पूजा जालोरी ने वर्कशॉप में अद्भुत मांडला डिजाइन बनाई।

 



 

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