
जयपुर । राजस्थान में दीपावली उत्सव के बाद आज गोवर्धन पूजा गई पूरे प्रदेशभर में गोवर्धन पूजा पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया प्रदेश के अन्य जिलों की तरह सूर्यनगरी जोधपुर में भी दीपावली के उत्सव के बाद महिलाओं ने गोवर्धन पूजा कर खुशहाली की कामना की इस त्योहार पर महिलाओं ने गोबर से घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर पूजन किया इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर संपूर्ण गोकुल वासियों की इंद्र के कोप से रक्षा की थी। तब इन्द्र के अभिमान को चूर करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करे इसके बाद से ही यह पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाता रहा है इस पर्व के बाद से ही अन्नकूट का आयोजन शुरू हो जाता है. विभिन्न वैष्णव मंदिरों सहित देवालयों में अन्नकूट का आयोजन कर भगवान को विभिन्न खाद्य सामग्री का भोग लगाया जाता है अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह. विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस पर्व का नाम अन्नकूट पड़ा है. इस दिन बहुत प्रकार के पकवान व मिठाई आदि का भगवान को भोग लगाया जाता है।

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