समस्तीपुर । जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि जिले में पुरुष नसबंदी पखवारा का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर जिलाधिकारी  सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि जिले में 15 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवारा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का थीम “पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया सुखी परिवार का आधार बनाया” दिया गया है। पखवारा दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में 15 से 21 नवंबर तक "दंपती संपर्क सप्ताहएवं 22 नवंबर से 4 दिसंबर तक "परिवार नियोजन सेवा पखवाराका आयोजन किया जाएगा।

योग्य दंपती को मिलेगी परिवार नियोजन की जानकारी 

पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले योग दंपती को गर्भनिरोधक के संबंध में परामर्श देते हुए इच्छित गर्भ निरोधक साधन अथवा सेवा इच्छा अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी। पखवाड़े के दौरान आशा द्वारा कंडोम गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लाभार्थी को बार-बार केंद्रों पर आने एवं बार-बार संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भनिरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट आपूर्ति की जा सकती है।

दो चरणों में पूरा होगा पखवारा 

जिले में दो चरणों में पुरुष नसबंदी पखवारा आयोजित किया जाएगा। 15 से 21 नवंबर तक मोबिलाइजेशन तथा 22 से 04 दिसंबर तक सेवा प्रदान किया जाएगा। मोबिलाइजेशन के दौरान आशा कार्यकर्ता वालंटियर योग दंपतियों को परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए जागरूक करेंगे तथा परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। जिसके बाद दूसरे चरण में इच्छुक दंपतियों को इच्छा अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

अधिक सरल है पुरुष नसबंदी 

सिविल सर्जन डासत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल है। इसके लिए न्यूनतम संसाधनबुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। इस ऑपरेशन के उपरांत पुरुषों में किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी अथवा परेशानी नहीं होती है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां व्याप्त है। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है।