भोपाल। मध्य प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में पहली बार मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीइओ) की सीधे नियुक्ति होगी। इसके लिए सेवा नियमों में संशोधन किया जा चुका है। अब बैंकों के लिए भर्ती करने वाली बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आइबीपीएस) से प्रक्रिया कराई जाएगी। अपेक्स बैंक ने इसका प्रस्ताव भेज दिया है। इसके माध्यम से 18 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
चयन के लिए वही व्यक्ति पात्र होंगे, जिन्हें बैंकिंग के क्षेत्र में कम से कम आठ साल का अनुभव होना अनिवार्य है। अभी तक सहकारिता संवर्ग के अधिकारियों को पदस्थ किया जाता था लेकिन बैंकों में जिस तरह से गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, उसे देखते हुए सरकार ने व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कई बदलाव भी किए जा रहे हैं।
प्रदेश में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के माध्यम से सरकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से किसानों को अल्पावधि ऋण दिलाने का काम करती है। प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक ऋण 30 लाख से ज्यादा किसानों को बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जाता है। उधर, बैंकों में अनियमितताओं की कई शिकायतें सामने आई हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, देवास सहित अन्य बैंकों में करोड़ों रुपये की अनियमितता सामने आने पर कार्रवाई भी की गई है। दरअसल, सहकारी बैंकों में बैंकिंग संबंधी नियमों को पूरी तरह पालन नहीं होने की वजह से यह अनियमितताएं हुई हैं। इसमें बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है।
बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है। अब सहकारिता विभाग ने व्यवस्था में सुधार के लिए बैंकिंग के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुरानी भर्ती प्रक्रिया को भी निरस्त कर दिया है। इसमें भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 38 में से 18 बैंकों में सीइओ नियुक्त किए जाएंगे। ये बैंकिंग क्षेत्र में कम से कम आठ साल का अनुभव रखने वाले व्यक्ति होंगे।
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