तुलसी सालिगराम विवाह का रीति रिवाजों के बीच हुआ धार्मिक आयोजन।
रायसेन(मदन राजपूत) सांची भोपाल बायपास रोड पर जिला मुख्यालय के नजदीक ही सोमवार को देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर आकाशवाणी देवी, बाबा भैरोंनाथ बाबा के चबूतरे के नजदीक लगभग 7 फिट ऊंचे तुलसी माता के पवित्र पौधों का बगीचा है जिसे बरसों पुराना बताया जा रहा है जिनका अलग ही धार्मिक महत्व है।मन्दिर के पुजारी लाल बाबा, समाजसेवी राजाराम मालवीय ने धार्मिक चबूतरे का इतिहास 800 साल पुराना होना बताया। यह प्राचीन स्थल भगवान प्रभु श्रीराम, लखनलाल और सीता माता के 14 बरस के वनवास के महत्व से जुड़ा हुआ है।राम वनगमन के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम लक्ष्मण और माता जानकी पिता अयोध्यापति राजा दशरथ के आदेश पर वनगमन के लिए रघुकुल रीति को निभाने वचन को पूरा करने विदिशा के ऐतिहासिक चरण तीर्थ, बेतवा नदी घाट में कुटी में समय बिताने के बाद रायसेन के धार्मिक स्थल सीतातलाई के गुफा मंदिर और सीतातलाई तालाब घाट पर प्रभु भगवान श्रीराम लखन लाल और देवी जानकी शिलाओं पर अंकित है।यह बरसों पुराना धार्मिक स्थल है।
7 फीट ऊंचे हैं तुलसी माता के बहुत पुराने पौधे.....
देव उठनी एकादशी के पावन अवसर पर सोमवार को दोपहर के समय श्रद्धालुओं द्वारा तुलसी सालिगराम विवाह का आयोजन कर हवन पूजन कर प्रसादी वितरण किया गया।इस तुलसी सालिगराम विवाह के धार्मिक आयोजन में मन्दिर के पुजारी लाल बाबा साहब, राजाराम मालवीय रायसेन,
बालचन्द आदिवासी, मथुरा प्रसाद कुशवाह, नर्बदा प्रसाद श्रीवास्तव, भूसिवेंटा, संतोष बैरागी सगोनिया, ठेकेदार साँचेत,खुशी लाल अजीज भाई, पण्डित दिनेश शर्मा, आशीष श्रीवास्तव भूसिवेंटा, ब्रजेश दास शर्मा आदि शामिल हुए, संपूर्ण विधि विधान सहित तुलसी सालिगराम का विवाह संपन्न हुआ।
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