नई दिल्ली । महामारी के कारण लम्बे समय तक बंद रहने के बाद सोमवार को दिल्ली में नर्सरी से आठवीं कक्षा के लिए स्कूल दोबारा खोल दिए गए। हर स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। स्कूल के खुलने और लम्बे समय बाद अपने दोस्तों से मिलने पर बच्चे काफी उत्साहित थे। पेरेंट्स अपने बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने को लेकर काफी कॉंफिडेंट दिख रहे थे। स्कूलों में बच्चों का स्वागत करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।सुबह से ही शिक्षक बच्चों के स्वागत के लिए तैयार थे। किसी स्कूल में बच्चों को फ़िल्म दिखा कर तो कहीं डांस व म्यूजिक के माध्यम से बच्चों का स्वागत किया गया।ऑफलाइन पढ़ाई दोबारा शुरू करने से पहले बच्चे सामान्य रूप से स्कूल से जुड़ सके इसके लिए कई एक्टिविटीज का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूल विजिट कर बच्चों व उनके पेरेंट्स से बात की।श्री सिसोदिया ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई दोबारा सामान्य तरीके से उनके क्लासरूम में शुरू हो चुकी उन्होंने कहा कि, “महामारी के कारण स्कूल पिछले 19 महीनों से बंद थे।इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।हमें बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है लेकिन उनके पढ़ाई की भी चिंता है।यदि अब स्कूलों को नहीं खोला गया तो एक पूरी पीढ़ी नॉलेज गैप के साथ आगे बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह अलर्ट मोड में है। सभी स्कूलों में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, “मुझे ख़ुशी है कि 19 महीने के लम्बे समय के बाद आज नर्सरी से आठवीं कक्षा के लिए दोबारा स्कूल खुले है।स्कूलों के न खुलने से बच्चों की पढ़ाई का काफी ज्यादा नुकसान हुआ था  लेकिन उम्मीद है कि स्कूलों के खुलने के बाद हमारे टीचर्स, पेरेंट्स साथ मिलकर बच्चों के इस लर्निंग गैप को खत्म करने का काम करेंगे।उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के पहले दिन ही स्कूलों में काफी अच्छा रेस्पोंस देखने को मिला है, ये दिखाता है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर कॉंफिडेंट है और बच्चों को स्कूल भेज रहे है।लेकिन हमने ये भी ध्यान रखा है कि किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाए|
श्री सिसोदिया ने कहा कि स्कूल के खुलने के साथ ही ये सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल में कोविड से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन हो।साथ ही बच्चों के स्कूल आते ही उनपर पढ़ाई नहीं थोपी जा रही बल्कि पहले  हैप्पीनेस क्लास, माइंडफुलनेस द्वारा बच्चों के सोशल-इमोशनल वेल-बींग पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि वो सामान्य होकर ऑफलाइन पढ़ाई के साथ जुड़ सके।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के स्कूल 1 सितम्बर से ही खुल चुके है।सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों के दोबारा खुलने के बाद अभी भी स्कूलों में सभी शैक्षणिक गतिविधियां ब्लेंडेड तरीके से ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी चलती रहें।