रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा समागम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस वर्ष हाई स्कूल के विद्यार्थियों के लिए हाई स्कूल की शिक्षा के साथ कुछ स्कूलों में चुनिंदा ट्रेडों में आइटीआइ के प्रशिक्षण की शुरूआत की है। इस पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को 12वीं की परीक्षा पास करने पर 12वीं के साथ आइटीआइ का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रारंभ किए गए इस पाठ्यक्रम में आठ हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर और पंडित नेहरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डाप्रेमसाय सिंह टेकाम ने की।

वीडियो के माध्यम से शशि थरूर और पूर्व कुलपति ने दी बधाई

इस कार्यक्रम की सफलता के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने पंजवाहर लाल नेहरु के दूरदृष्टि को बताते हुए देश के प्रथम प्रधानमंत्री के याद में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा समागम की तारीफ की। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से अपना वीडियो संदेश दिया। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दिनेश सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दी।

इन पुस्तिकाओं का विमोचन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित ’विजन 2030’ पुस्तिका, ’छत्तीसगढ़ की विभूतियां’, ’छत्तीसगढ़ राजगीत के कैलेण्डर’, ’स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और पढ़ई तुंहर दुआर योजना की काफी टेबल बुक’, ’स्कूलिंग फार एक्सीलेंस’ का विमोचन किया।

चाचा नेहरु को बच्चों से लगाव थाभूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आधुनिक भारत केे निर्माण में पंजवाहरलाल नेहरू के योगदान को जब भी याद किया जाएगातब नेहरू जी द्वारा विशेष रूप से आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में की गई शुरूआतनिर्मित की गई महत्वपूर्ण अधोसंरचनाओं को हमेशा याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेहरू जी को बच्चों से विशेष लगाव था। वे कहा करते थे कि बच्चों का लालन-पालन बड़े ध्यान और प्यार से करना चाहिएक्याें वे देश का भविष्य है।

शिक्षा में क्या कमी है इस पर मंथन करें विशेषज्ञ

मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर में आज से शुरू हुए राष्ट्रीय शिक्षा समागम में शामिल हो रहे शिक्षाविदोंविद्वानोंशिक्षकों और विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय शिक्षा समागम के दौरान पिछले 75वर्षों में बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में क्या कार्य किए गए और उनमें क्या कमी रह गई। बच्चों की शिक्षा के लिए और बेहतर क्या किया जा सकता हैहम किस दिशा में आगे बढ़ेइस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस समागम में 27 राज्यों से आए प्रतिनिधियों से छत्तीसगढ़ को भी काफी कुछ सीखने का अवसर मिलेगा।

महतारी दुलार योजना ने दी बेसहारा बच्चों को राहडाप्रेमसाय सिंह टेकाम

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कोरोनाकाल में अपने स्वजन को खोने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए महतारी दुलार योजना की शुरूआत की गई है। जो इन बच्चों को नई राह दी है।

साइंटिफिक टेम्परामेंट विकसित होगौरव वल्लभ

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि पंजवाहर लाल नेहरू ने देश की प्रथम दो पंचवर्षीय योजनाओं में कम्पलसरी फ्री प्राइमरी एजुकेशन की व्यवस्था पूरे देश के लिए की। उनका यह प्रयास था कि देश में साइंटिफिक टेम्परामेंट विकसित हो। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जब पूरे देश में स्कूली शिक्षा को डिजिटल डिवाइड के कारण नुकसान हुआ। छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नये-नये नवाचारों को सफलता के साथ लागू किया गया। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्कूल ’सेजेस फार एजेज’ बन गया है। उन्होंने स्कूली शिक्षा के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।