नई दिल्ली. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) के खिलाफ कार्रवाई की है. 46 किसान संगठनों के समूह ने यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. खबर है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के परिवार से मिलने के कारण यादव के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. लखीमपुर हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. 4 किसानों और एक पत्रकार के अलावा इसमें 2 बीजेपी कार्यकर्ता और एक ड्राइवर शामिल था.

पंजाब में किसान संगठनों की तरफ से उठ रही मांग के बाद योगेंद्र यादव के खिलाफ यह फैसला गुरुवार को हुई बैठक में लिया गया है. निलंबन के दौरान वे किसानों की मीटिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और न ही फैसला लेने की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. रिपोर्ट में यादव के करीबी सूत्र के हवाले से लिखा गया है कि उन्होंने पिछले हफ्ते बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार से मुलाकात की थी, क्योंकि उन्हें लगा था कि ‘उन्हें ऐसा करना चाहिए.’ लखीमपुर में हुए हादसे के आरोप केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगे थे. आशीष को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था.
भारतीय किसान यूनियन दोआबा के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि इस मुद्दे पर 32 किसान संगठनों का एक मत था. साथ ही वे यादव से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग भी कर रहे थे. सूत्रों ने बताया, ‘उन्होंने कहा कि वे इस बात से दुखी नहीं हैं कि वे परिवार से मिलने गए, लेकिन इस मुद्दे पर पहले किसान संगठन से बात नहीं करने के चलते वे माफी मांगने को तैयार हैं.’

 हत्या के मामले में नाम आने के पांच दिन बाद आशीष की गिरफ्तारी हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार, घटना के वक्त एसयूवी में नजर आए चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें सुमित जायसवाल का नाम भी शामिल है, जो वायरल वीडियो में बचकर भागते हुए नजर आ रहा है. जायसवाल की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि किसानों की तरफ से हुई पत्थरबाजी के चलते उनकी गाड़ी ने नियंत्रण खो दिया था और यह दुर्घटना हुई.