लखनऊ ।  मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच करने आई कानपुर पुलिस की एसआईटी को होटल के कमरे में खून के निशान मिले हैं। साथ आई फोरेंसिक टीम ने बेंजीडीन टेस्ट के जरिये यह निशान तलाशे हैं। कमरे को साफ कर खून के धब्बे हटाए गए थे। एसआईटी टीम जांच के लिए शनिवार को गोरखपुर पहुंची और पहले दिन ही टीम ने सात घंटे होटल में बिताए। उन्होंने पूरे होटल और मनीष के कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया। एसआईटी के साथ फोरेंसिक टीम प्रभारी भी हैं। कमरे में फोरेंसिक जांच कराने के अलावा वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की गई। विवेचना करने वाली टीम से अब तक जुटाए गए साक्ष्यों के बारे में पूछा। अन्य लोगों के भी बयान भी दर्ज किए। टीम ने सुबह पहले गोरखपुर पुलिस की जांच टीम से मुलाकात कर चार दिनों में हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। एफआईआर की कॉपी ली और अब तक काटे गए पर्चों के बारे में पता किया। शाम चार बजे टीम होटल पहुंची। होटल के कमरा नंबर 512 में एक-एक वस्तु का बारीकी से निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम प्रभारी ने कमरे में बेंजीडीन टेस्ट किया, जिसमें साफ की गई जगह पर खून के निशान मिल गए हैं। घटना के समय होटल में जो कर्मचारी मौजूद थे, उनसे पूछताछ के अलावा टीम ने सभी कर्मचारियों की लिस्ट हासिल की। उस दिन कमरे के आसपास के कमरों में रुके गेस्ट की लिस्ट भी हासिल कर ली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो गेस्ट आसपास के कमरों में रुके थे, एसआईटी उनसे बात कर उस रात की घटना के बारे में जानकारी लेगी। एसआईटी घटनास्थल का निरीक्षण, लोगों से पूछताछ और सबूतों को इकट्ठा करने के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करेगी। इस मामले में मनीष की पत्नी मीनाक्षी समेत अन्य परिजनों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही उस कॉल रिकार्डिंग को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें मनीष ने आखिरी वक्त अपने भांजे को फोन पर बात बिगड़ने और थाने ले जाने की बात बताई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इसके प्रभारी एडिशनल सीपी क्राइम व हेडक्वार्टर्स आनंद प्रकाश तिवारी को बनाया गया है। सदस्य डीसीपी साउथ रवीना त्यागी और विवेचक एडीसीपी ब्रजेश श्रीवास्तव हैं। टीम ने शनिवार से अपनी जांच शुरू कर दी है। हालांकि पहले दिन इसमें डीसीपी शामिल नहीं हो सकीं। क्योंकि वे लखनऊ में एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने गई थीं। जल्द वह भी गोरखपुर रवाना होंगी।