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भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) उप चुनाव के बीच मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) की जुबान फिसल गई. शाह शनिवार को खंडवा में मांधाता विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है. उपचुनाव में मांधाता विधानसभा क्षेत्र के किसी भी पोलिंग बूथ पर बीजेपी न जीते. वन मंत्री ने कहा कि वे खुद 200 पोलिंग बूथ पर कार्यकर्ताओं से यह अपील करेंगे. इस बयान का वीडियो वायरल हो गया. इसके कुछ ही देर बाद मंत्री विजय शाह ने इस मसले पर सफाई भी दे दी. उन्होंने कहा कि पारिवारिक कारणों की वजह से उनका ध्यान कहीं और था और जुबान फिसल गई.
गौरतलब है कि बीजेपी ने मंत्री शाह को लोकसभा उप चुनाव के मद्देनजर मांधाता विधानसभा क्षेत्र का चुनाव प्रभारी बनाया है. इसलिए वह विधायक नारायण पटेल के साथ बीड़ पहुंचे थे. उन्होंने यहां कार्यकर्ताओं की बैठक ली. यहीं जब मीडिया ने उनसे सवाल किए तो उनकी जुबान फिसल गई. उन्होंने कहा- मोदी सरकार ने धारा 370 हटाकर और राम मंदिर बनाने के साथ गरीब और किसान कल्याण के लिए कई काम किए हैं. क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से निवेदन करने आया हूं कि मांधाता विधानसभा क्षेत्र के किसी भी पोलिंग बूथ से बीजेपी न जीते, क्योंकि पार्टी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी मुझे दी है.शाह के बयान के बाद बवाल मच गया. वे विपक्ष के निशाने पर आ गए. इस पर विजय शाह ने सफाई देते हुए एक वीडियो भी जारी किया. शाह ने कहा कि मैं सुसरजी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के लिए जा रहा था. इस दौरान बीड़ में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ली. मैं जल्दबाजी में निकल रहा था. मैं कहना चाहता था कि एक भी पोलिंग पर भाजपा हारना नहीं चाहिए. इस वीडियो में विजय शाह ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर यहां से जीत जाए तो वो कोई भी शर्त लगाने को तैयार हैं.
शाह का राजनीतिक सफर
विजय शाह ने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की है. यहां वे छात्र संघ में विभिन्न पदों पर रहे. वे अखिला भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी संबद्ध रहे. इंदौर में वे कॉलेज के चुनाव के संचालक भी रहे. साल 1990 में बीजेपी ने विजय शाह को खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा सीट से टिकट दी थी. शाह 9वीं विधानसभा के लिए चुने गए थे. 1993 में दसवीं विधानसभा चुनाव में भी उन्हें भारी मतों से जीत मिली थी. 1998 में वे फिर तीसरी बार 11वीं विधानसभा के लिए चुने गए. 2003 में 12वीं विधानसभा के लिए चौथी बार विधायक बने. 2008 में पांचवी बार, 2013 में छठवीं बार, 2018 में सातवीं बार विधायक बने. साल 2020 में उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली. वर्तमान में वन मंत्री हैं.
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