भोपाल । शरबती गेहूं की नई किस्म से स्वादिष्ट रोटी तैयार होगी। इसकी फसल भी कम दिनों में तैयार हो सकेगी। जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की ओर से तैयार गेहूं की नई वैरायटी जवाहर वीट 1358 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने रिकमेंडेशन प्रदान कर दी है। पिछले दिनों वैज्ञानिक सलाहकारों की बैठक में इस नई किस्म को सराहा गया। आईसीआर ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। बताया जाता है तापमान में परिवर्तन हो रहा है। कभी कम बारिश तो कभी तापमान में वृद्धि हो रही है। जिसके चलते फ सलों को भी नुकसान हो रहा है। गेहूं के जीन में कुछ ऐसे परिवर्तन किए गए हैं, जो तापमान बदलाव में अपने आप को ढाल सकेंगे। जिससे फ सल को नुकसान नहीं होगा। उपज अच्छी मिलेगी तो वहीं दो बार के पानी में ही फसल तैयार हो जाएगी।
45 क्विंटल पैदावार
इस वैरायटी से 45 क्विंटल तक पैदावार हासिल हो सकेगी, जो कि करीब 8 से दस क्विंटल ज्यादा है। इसके साथ ही 115 से अधिकतम 120 दिन के अंदर इसे तैयार किया जा सकेगा। यह वैरायटी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली भी होगी। इस नई वैरायटी का दाना चमकदार और मध्यम गोलाई लिए वाला है। जिसमें 12 प्रतिशत और 75 फीसद तक कार्बोहाईड्रेट होगा। बताया जाता है इस किस्म को पूरी तरह विकसित करने को लेकर पिछले 4 साल से अनुसंधान किया जा रहा था। आईसीएआर ने इस किस्म को अधिसूचित कर दिया है। जल्द ही भारत के राज्य पत्र में भी इसे अनुमोदित करने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
इनका कहना है
विश्वविद्यालय द्वारा गेहूं की नई वैरायटी को पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदित कर दिया गया है। यह वैरायटी वर्तमान परिस्थितियों, मौसम परिवर्तन से लडऩे में सक्षम है। राजपत्र में जल्द इसके शामिल होने के बाद किसानों को मिलने लगेगी।
-डॉ. आरएस शुक्ला, वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय
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