नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की 10वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया। ‘आप’ संयोजक ने कहा कि आम आदमी पार्टी, ‘सत्ता से पैसा और पैसा से सत्ता’ की राजनीति को बदलने आई है। दिल्ली में सरकार चलाने के बाद अब देश भर के लोगों को लगने लगा है कि आम आदमी पार्टी ही एक अकेली उम्मीद है। शहीद-ए- आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर आम आदमी पार्टी के परम आदर्श हैं और पार्टी इन्हीं के बताए रास्ते पर चलेगी। इनकी तरह कुर्बानी देने और संघर्ष करने के लिए हमारे एक-एक कार्यकर्ता को तैयार रहना है। हमें अपने समाज और देश के लिए खूब काम करना है, लेकिन कभी किसी पद की इच्छा नहीं करनी है। मै नहीं चाहता कि कभी लोग यह कहें कि ‘आप’ भी बीजेपी, कांग्रेस और दूसरी पार्टियों जैसी हो गई। मैं उम्मीद करता हूं कि जिस मकसद से हमने पार्टी बनाई है, वह मकसद जरूर पूरा होगा। 
‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले 70 साल में भी राजनीतिक पार्टियां देश को वहां तक नहीं ले जा पाईं, जितनी हमारे देश में संभावनाएं थीं? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज डिजिटल माध्यम से राष्ट्रीय परिषद की 10वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज नई राष्ट्रीय परिषद गठित हुई है। परिषद में बहुत सारे नए सदस्य आए हैं। नए सदस्यों का मैं तहे दिल से स्वागत करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि आपका यह कार्यकाल बेहद सफल रहेगा। पिछले डेढ़-दो साल से पूरा देश और पूरी दुनिया इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है। 1918 के आसपास स्पेनिश फ्लू आया था। वह भी इसी तरह से खतरनाक था। 100 साल के बाद अब इस किस्म की दोबारा बीमारी आई है। इस दौरान आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर दिल्ली के अंदर बहुत अच्छे प्रयास किए, जिसके बारे में चारों तरफ चर्चा है। मैं यह नहीं कह रहा कि दूसरों ने प्रयास नहीं किए, सभी राज्य सरकारों ने प्रयास किए। केंद्र सरकार ने प्रयास किए और सभी लोगों ने प्रयास किए। उसी तरह आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने भी प्रयास किए। दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर प्रयास किए।  
केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा जो काम किए गए, उनमें बहुत सारी ऐसी चीजें थी, जो पहली बार हुईं। जैसे प्लाज्मा थेरेपी दिल्ली में पहली बार इस्तेमाल की गई। दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक दिल्ली में आईएलबीएस में खोला गया और फिर दूसरा प्लाज्मा बैंक भी दिल्ली में एलएनजेपी हॉस्पिटल में खोला गया। दिल्ली ने होम आइसोलेशन की तकनीक पूरी दुनिया को दी। कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना की वजह से डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ आदि कोरोना वरियर्स अगर कोई शहीद हुए, तो उनके परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई। इस तरह से कई सारे प्रयास थे, जो दिल्ली में ‘आप’ की सरकार ने पहली बार किए, जिनकी चारों तरफ सराहना हुई है। हम सब लोगों ने मिलकर कोरोना पर काबू पाया। मैं भगवान से उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में अब कोरोना दोबारा न होती। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर भी आने की संभावना है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि तीसरी लहर न आए। ‘आप’ संयोजक ने कहा कि देशभर से मेरे पास खबरें आ रही थीं कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने स्तर पर कोरोना कॉल के दौरान लोगों की खूब मदद की। इस तरह की एक-एक खबर दिल को बहुत शांति और सुकून देती थी। इसी के लिए तो आम आदमी पार्टी बनी है। चारों तरफ किस्म किस्म अपने हीरो पैदा हो रहे थे। दिल्ली में दिलीप पांडे की खूब चर्चा होती थी। आम आदमी पार्टी में इस तरह के ढेरों दिलीप पांडे पूरे देश के अंदर थे। इसी तरह, मुंबई से कई सारी कहानियां सुनने को मिलीं, जहां हमारे कार्यकर्ताओं ने लोगों की खूब मदद की। आप सब लोगों ने कोरोना काल के दौरान बहुत अच्छा, बहुत सराहनीय, बहुत पुण्य का काम किया। आप लोगों ने देश सेवा और समाज के लिए काम किया। इसके लिए मैं आपको कोटि-कोटि नमन करता हूं और आप सब लोगों को बधाई देता हूं। पूरे देश भर से कोरोना काल के दौरान हमारे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो भी काम किए, इसका संकलन करने की जरूरत है। इससे सभी लोगों को प्रेरणा मिलेगी। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसा कि अन्ना जी कहते थे, अभी तक हमारे देश में यह प्रथा रही है कि सत्ता से पैसा, पैसा से सत्ता। आम आदमी पार्टी इस राजनीति को बदलने के लिए आई है। आम आदमी पार्टी देश के लिए बनी है। आम आदमी पार्टी समाज के लिए बनी है। येन-केन-प्रकारेण, सही-गलत तरीके से सत्ता पाना आम आदमी पार्टी का मकसद नहीं है। हमारे पिछले 7-8 साल के इतिहास, 7-8 साल के कार्यकाल और 7-8 सात की हमारी यात्रा ने जनता के सामने यह दिखाया है। जब नई नई पार्टी बनी थी, तब कई लोगों को लगता था कि यह पार्टी एक दो साल में खत्म हो जाएगी। फिर जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी, तब भी लोगों को लगा कि यही एक कार्यकाल है और इसके बाद पार्टी खत्म हो जाएगी। लेकिन आज दिल्ली में सरकार चलाने के बाद लोगों को लगने लगा है कि पूरे देश के अंदर आम आदमी पार्टी एक अकेली उम्मीद है। आम आदमी पार्टी केवल सेवा कुर्बानी और बलिदान देने के लिए बनी है। आज राष्ट्रीय परिषद में जितने नए सदस्य आए हैं, उन लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि इस बात को गांठ बांध लो कि केवल और केवल एक ही चीज अपने सामने रहनी चाहिए कि मैं कैसे समाज की सेवा कर सकता हूं, कैसे देश की सेवा कर सकता हूं। अगर जरूरत पड़े, तो अपना सर्वस्व देश के लिए कुर्बान करने के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के इतिहास में बहुत बड़े-बड़े नेता हुए, हमारे आदर्श हुए। बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिनकी तरफ हम बड़े मान-सम्मान से देखते हैं। मैं खासकर शहीद-ए-आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का नाम लेना चाहूंगा। आम आदमी पार्टी के यह दोनों परम आदर्श हैं और इन्हीं के बताए हुए रास्ते पर आम आदमी पार्टी चलेगी। एक तरफ शहीद-ए-आजम भगत सिंह हैं, जिन्होंने इतनी छोटी सी उम्र में सर्वाच्च कुर्बानी दी। आज 23 साल की उम्र के अंदर बच्चा यह सोच रहा था कि मुझे लाख रुपए, डेढ़ लाख या दो लाख की नौकरी चाहिए। लेकिन इस उम्र में शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने न शादी की सोची, न कैरियर की सोची और देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी थी। भगत सिंह हमारे आदर्श हैं। भगत सिंह भी अगर यह सोच लेते कि देश आजाद होगा, तो मेरे को अच्छा पद मिले, तो अपने देश को आजादी मिलने वाली नहीं थी। उनकी तरह सर्वोच्च कुर्बानी करने के लिए हमारे एक-एक कार्यकर्ता और एक-एक नेता को तैयार रहना है। बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर ने पूरी जिंदगी संघर्ष किए। वे संघर्ष की मिसाल थे। वह बहुत ही छोटे से पृष्ठभूमि से आए थे, गरीब परिवार से थे और दलित वर्ग से आए थे। उन्होंने इतना संघर्ष किया और उस जमाने में उन्होंने विदेशों से दो-दो डॉक्टरेट की पीएचडी की डिग्री हासिल की और वापस आकर देश का संविधान बनाया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हमारे लिए आदर्श हैं। इन दोनों से प्रेरणा लेकर आप लोगों को काम करना है।  
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब भी कोई नया कार्यकर्ता या नया नेता आता है, तो हमेशा से मैं एक बात बोलता हूं कि आम आदमी पार्टी में कभी भी पद की इच्छा मत करना कि मुझे यह पद मिल जाए, मैं यह बन जाउं, मेरे को टिकट मिल जाए। हमें अपने समाज और अपने देश के लिए खूब जमकर काम करना है। अपने-अपने क्षेत्र के अंदर काम करते रहो। खूब काम करो और जम कर काम करो। आपके अंदर का आनंद काम से आना चाहिए, पद मिलने से नहीं आना चाहिए। आपको कोई भी पद मिल जाए, दिल खुश हो ही नहीं सकते। आपका काम ऐसा होना चाहिए कि पार्टी आपके पास आकर कहे आप यह पद ले लो। आपको पद मांगने की जरूरत न पड़े। अगर आप मेरे पास आकर कहते हो कि मुझे यह पद दे दो, मुझे टिकट दे दो। इसका मतलब यह है कि आप उसके काबिल नहीं हो, क्योंकि आपको मांगने की जरूरत पड़ रही है। ऐसा काम करो कि मैं आपके पास आकर कहूं कि मैंने आपका काम देखा और काम सुना है, आप यह पद ले लीजिए। आप यह जिम्मेदारी ले लीजिए और आप यहां से टिकट लेकर चुनाव लड़ लीजिए। यह बड़ी बात होगी और ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनको मैं खुद जाकर बोलता हूं कि आप यह पद ले लीजिए आप यहां से टिकट ले लीजिए। ‘आप’ संयोजक ने कहा कि अगर आपके मन में पद की इच्छा जाग जाती है, तो इसका मतलब मन में कुछ स्वार्थ जाग गया है। जब किसी के मन में स्वार्थ जाग जाता है, तो फिर उससे सेवा नहीं होती है और फिर वह सेवा करने के नाकाबिल हो जाता है। किसी के मन में स्वार्थ अगर जाग जाए, तो वह 24 घंटे तिकड़म में रहता है। फिर वह सेवा नहीं करता है। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि पद की लालसा और इच्छा हमें छोड़नी पड़ेगी। मै नहीं चाहता कि कोई ऐसा समय आए, जिस दिन आम आदमी पार्टी की तरफ लोग देख कर कहें कि यह तो बीजेपी, कांग्रेस और दूसरी पार्टियों जेसी हो गई। हम इसलिए राजनीति में नहीं आए थे। इसलिए हम लोगों ने आम आदमी पार्टी नहीं बनाई। अगर किसी भी वक्त आप अपना मन टटोल कर देखते हैं और पद की इच्छा जाग गई, तो उसको नियंत्रित करने का एक तरीका है कि अगर आप दिन में 8 घंटे काम कर रहे हैं, तो 10 घंटे, 12 या 14 घंटे काम करना शुरू कर दो। खूब सेवा करो, जितनी सेवा करोगे, जितनी तपस्या करोगे, उतना ही अहम पिघलता जाएगा और उतनी ही यह इच्छा भी यह पिघलती जाएगी, लेकिन यह जो पद की इच्छा रहती है, इसको हमें त्यागना पड़ेगा। हम देखते हैं कि दूसरी पार्टियों में क्या हाल है? एक-एक पद और एक-एक टिकट के लिए 10-10 लोग भिड़े पड़े हैं और एक-दुसरे से लड़ लड़ रहे हैं। एक-दूसरे के खिलाफ षणयंत्र रचे जा रहे हैं और पार्टियां टूट रही हैं, क्या हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी के साथ कभी भी ऐसा हो। अगर ऐसा होता है, तो लोगों की इतनी बड़ी उम्मीद और इतनी बड़ी आशा खत्म हो जाएगी।