बिलासपुर । अपोलो ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। जटिल हार्ट ऑपरेशन को बेहद सुरक्षित बनाते हुये किया गया। ऑपरेशन इन दिनों में चर्चा में है। मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक न्यूनतम जोखिम वाली सर्जरी है, पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी की सर्जरी की तुलना में इस पद्धति के कई लाभ है।
वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. अनुज कुमार अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर द्वारा सफलतापूर्वक इस अनूठी सर्जरी को 65 वर्षीय पुरुष पर किया गया जो कि संभवत: मध्य भारत की पहली मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी है। हृदय शल्य चिकित्सा की यह एक आधुनिक पद्धति है जिसमें पारंपरिक पद्धति के समान छाती की हड्डियों को काटने की एवं छाती को लगभग 10 इंच पूरा खोलने की आवश्यकता नहीं होती। सिर्फ 7 से 8 सेमी के छोटे चीरे के माध्यम से संपूर्ण शल्य चिकित्सा संपन्न की जाती है। डॉ अनुज ने बताया की इसक अनेक फायदे है जैसे कम से कम रक्त की हानि, जान की न्यूनतम जोखिम न्यूनतम संक्रमण की संभावना लगभग दर्द रहित प्रक्रिया एवं न्यूनतम भर्ती दिनों की संख्या जादि। महिला मरीजों के लिये यह तकनीक अत्यधि उपयोगी है क्योंकि सामान्य सर्जरी से बनने वाले निशान की तुलना में अत्यधिक छोटा निशान बनता है जो सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देगा।
66 वर्षीय मरीज श्री भुरवा ने बताया कि जब उन्हें पता चला की उनकी ओपन हार्ट सर्जरी होने वाली है तो उन्हें काफी डर लग रहा था लेकिन जब डॉ अनुज कुमार ने उन्हें इस नवीन तकनीक के बारे में बताया तो उन्हें काफी राहत महसूस हुई. इसके बाद मरीज की सफलतापूर्वक सर्जरी संपन्न हुई।
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ मनोज नागपाल ने डॉ अनुज कुमार एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने बताया की अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर अचल के मरीजो एवं यहां के नागरिकों को नवीन चिकित्सा एवं आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध रहा। है. इसी कड़ी में न्यूनतम जोखिम वाली हार्ट की बायपास सर्जरी जो कि बिना छाती खोले की जाती है, एक मील का पत्थर साबित होगी।
अपोलो हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेडेन्ट डॉ वैभव ओत्तलवार ने बताया कि पूर्व में भी डॉ अनुज एवं उनकी टीम द्वारा हार्ट की जटिल शल्य चिकित्साओं जैसे बैन्टॉल एवं मिनिमलि इनवेसिव वॉल्व सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा चुका है। अब दूरबीन पद्धति से हॉर्ट का बायपास प्रशन्सनीय उपलब्धि है। डॉ अनुज ने बायपास एवं ओपन हार्ट सर्जरी में विश्वस्तरीय परिणाम दिये है।
अपोलो की उपलब्धि में जुड़ा एक और नया अध्याय
मंगलवार, सितंबर 21, 2021
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