( संत सुरक्षा परिषद केअधिवेशन मेंअतिथियों के उद्गार)
सनातन धर्म पर युगों युगों से भीषण आघात होते रहे हैं और यज्ञ,अनुष्ठान आदि को रोकने हेतु आसुरी शक्तियों द्वारा हमारे संत - मनीषियों को सदैव प्रताड़ित किया जाता रहा है ।आज भी चहुं ओर यही स्थिति दृष्टिगोचर हो रही है। जिससे आज संतों की सुरक्षा आवस्यक है और संत सुरक्षा से ही धर्म, संस्कृति व सुसंस्कारों का संरक्षण - संवर्धन हो सकेगा।
उक्त आशय के उद्गार संत सुरक्षा परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में मंचासीन अतिथियों ने व्यक्त किए।
मध्यप्रदेश शासन की राज्य शिक्षा सलाहकार डॉ श्रद्धा तिवारी के मुख्य आतिथ्य,प्रख्यात साहित्यकार आचार्य भगवत दुबे की अध्यक्षता तथा सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ पवन स्थापक व प्रख्यात अस्थि रोग विशेषज्ञ डा जितेंद्र जामदार के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न अधिवेशन में संयोजक स्वामी कालीनंद जी, डॉ स्वामी विनेश्वरानंद जी , पं. राम छवि जी ,स्वामी राम शरण जी , स्वामी राजा रामाचार्य जी,स्वामी प्रकाशानंद जी,महंत मनीषा दास जी,स्वामी राजेंद्र शरण जी, स्वामी रामानंद गिरी जी,स्वामीअरुणानंद जी,श्री मुन्ना पांडे जी, डॉ सुधीर अग्रवाल,श्री चंद्र शेखर शर्मा, श्री अरुण मिश्रा, डॉ कल्पना मिश्रा,श्रीमती निशा तिवारी,श्रीमती चंद्रा दीक्षित,श्री के के शुक्ला,श्री दीपक पचौरी, श्री अनिल शर्मा सहित बड़ी संख्या ने संत जन व धर्म प्रेमी उपस्थित थे ।
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