नई दिल्ली ।  केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने बुधवार को भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी-295एमडब्ल्यू  परिवहन विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब भारत में किसी निजी कंपनी की ओर से एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। ये मालवाहक विमान स्पेन की मेसर्स एयर बस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी से खरीदे जाएंगे। यह कंपनी अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के चार साल में उड़ने की हालत में तैयार 16 विमानों की आपूर्ति करेगी जबकि बाकी 40 विमान देश मे ही टाटा कंसोर्टियम द्वारा दस सालों में बनाए जाएंगे। यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है जिसमें देश की निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान बनाए जाएंगे। इन विमानों को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कलपुर्जे भी देश की सूक्ष्म और लघु तथा मध्यम इकाइयों द्वारा बनाए जाएंगे। विमानों के पिछले हिस्से में एक रैंप होगा जिससे छताधारी सैनिक और समान को तेजी और आसानी से  उतारा जा सकता है। सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इस परियोजना से सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी और देश में रोजगार के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष अवसर बढ़ेंगे। साथ ही रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी। ये अत्याधुनिक विमान वायुसेना के बेड़े में पुराने पड़ चुके हैं एवं मालवाहक विमानों की जगह लेंगे। पांच से 10 टन की क्षमता वाले ये विमान अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे तथा इनमें देश में ही विकसित इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर प्रणाली लगाई जाएगी। सरकार का कहना है कि इससे रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निमार्ण को बढ़ावा मिलेगा और उसकी मेक इन इंडिया जैसी महत्वकांक्षी योजना को भी बल मिलेगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विमान उपयोग आने वाले अधिकतर पार्ट का निर्माण भारत में किया जाएगा, जो सीधे तौर पर 600 अत्यधिक कुशल रोजगार पैदा करेंगे, 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और अतिरिक्त 3,000 मध्यम कौशल रोजगार के अवसर होंगे।