नई दिल्ली| दिल्ली से मुंबई के बीच 1,350 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस-वे पर 350 किलोमीटर तक काम हो चुका है। अभी 8 लेन बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा 4 लेन और बढ़ाए जाएंगे। 2 जाने के और 2 आने के। ये चारों लेन सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए होंगे। यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर डेडिकेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल फोरलेन होंगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के बनकर तैयार हो जाने से केवल समय ही नहीं बचाएगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे नई औद्योगिक टाउनशिप और स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। इसका सर्वे जारी है। पूरे रूट पर 92 स्थानों पर इंटरवल स्पॉट डेवलप किए जाएंगे।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की प्रमुख खासियतें...
एक्सप्रेस-वे से हर साल 32 करोड़ लीटर ईंधन बचेगा।
सुरक्षा के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची दीवार बनेगी।
टोल प्लाजा हाईवे के बजाए स्लिप लेन में बनेंगे, ताकि जिस शहर में जाएंगे, उतना ही टोल लगे।
हर 2.5 किलोमीटर के बाद पशुओं के लिए ओवर पास बनाए जाएंगे।
हर 500 मीटर पर एक अंडर पास होगा।
एक्सप्रेसवे के आसपास 15 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।
हर 50 किलोमीटर पर दोनों ओर फेसिलिटी सेंटर होंगे। वहां रेस्तरां, फूड कोर्ट, सुविधा स्टोर, ईंधन स्टेशन, ईवी चार्जिंग पॉइंट और शौचालय आदि होंगे।
एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों के लिए 120 किमी/घंटे की स्पीड तय होगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर लाइटें सोलर पावर से चलेंगी।