जातीय जनगणना पर आज कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 11 राजनीतिक दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने PMO पहुंचे हैं। पीएम मोदी से मीटिंग के बाद सभी इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि बिहार सरकार अपने स्तर पर प्रदेश में जातीय जनगणना कराने का निर्णय ले सकती है।

तेजस्वी भी रहेंगे मौजूद

CM नीतीश कुमार रविवार देर शाम ही पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में हैं। उनके अलावा इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, HAM, VIP, AIMIM, माले, CPI और CPM के नेता भी मौजूद रहेंगे।

इस प्रतिनिधिमंडल में BJP के तरफ से मंत्री जनक राम को भेजा गया है। बैठक में जदयू से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा, सीपीआई (माले) नेता महबूब आलम, एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान, पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी, VIP प्रमुख मुकेश सहनी, CPI नेता सूर्यकांत पासवान और CPM नेता अजय कुमार शामिल हैं।

नीतीश कुमार ने वक्त मांगा था

CM नीतीश कुमार ने पत्र लिखकर PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मांगा था और 19 अगस्त को उन्हें प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब आया। पत्र में 23 अगस्त का वक्त दिया गया। आज सभी की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी हुई है।

जातीय जनगणना पर सियासत तेज

जातीय जनगणना को लेकर बिहार में राजनीति काफी तेज है। इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष का सुर एक हो गया है। विपक्ष के तरफ से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना कराने की मांग तेज की थी। जिसका समर्थन सत्तारूढ़ दल JDU ने भरपूर किया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेतृत्व प्रतिनिधिमंडल के PM से मिलने की बात कही थी।

इसके बाद यह कवायद तेज हुई और आज मुलाकात होनी है। हालांकि BJP इसके पक्ष में नहीं है। केंद्र सरकार ने लोकसभा के मानसून सत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से जातीय जनगणना नहीं कराने की घोषणा करा चुकी है।