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जयपुर । भाई-बहन के स्नेह के धागे के बीच जेल की सलाखें नहीं बल्कि कोरोना गाइड लाइन आड़े आ गई जयपुर सेंट्रल जेल सहित प्रदेश की जेलों में बहनें अपने हाथ से भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकी. जेल प्रशासन ने बहनों से राखी लेकर भाइयों तक पहुंचाई।
जयपुर सेंट्रल जेल में आज रक्षाबंधन पर सन्नाटा नजर आया, जहां हर साल जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लगती थी, आज वहां एक दो बहनें ही नजर आई. भाइयों से नहीं मिलने पर बहनें मायूस नजर आईं कुछ बहनें तो फफक-फफक कर रो पड़ीं हर साल जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने बहनें अल सुबह ही पहुंचना शुरू हो जाती थी सुबह सूरज की किरण उगने तक तो जेल परिसर में कतारें लग जाती थी. बहनें अपने पति, बच्चों के साथ भाई को राखी बांधने के लिए पहुंचती रही हैं, लेकिन इस बार कोरोना गाइड लाइन बहन-भाई के पवित्र धागे के बीच आ गई। बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधनें जेल पहुंची जरूर, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। एक दो महिलाएं अपने भाइयों को राखी देने आई थीं जेल पहुंची बहनों से जेल दरवाजे पर रजिस्टर में एंट्री करवाकर राखी ले ली गई. संतरी ने बहनों से बैरक में बंद भाई का नाम आदि नोटकर राखी ले ली और मिठाई लौटा दी. भाई से मिलने की आस में आई बहनें मायूस होकर लौटी
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