बिलासपुर । बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के अमेरी कापा निवासियों ने आप नेताओं की अगुवाई में सरपंच और सचिव के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने सरपंच सचिव और रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने जांच की मांग करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। आपन नेताओं के साथ ग्रामीणों ने  जिला पंचायत पहुंचकर आक्रोश जाहिर किया। 
आम आदमी पार्टी नेताओं की अगुवाई में अमेरी कांपा के लोगों ने जिला पंचायत और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया्। जिला प्रशासन और जिला पंचायत अधिकारियों के सामने सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
जिला प्रशासन और जिला पंचायत अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि अमेरीकांपा मे मनरेगा, गौठान निर्माण और  नाला जिर्णोद्धार के काम मे फर्जी मस्टररोल से रूपयों का भुगतान किया गया। सरकारी राशि का सरपंच,सचिव और रोजगार सहायकों ने गबन किया है।  इस दौरान आप नेताओं के साथ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी भी की। कलेक्टर और जिला पंचायत प्रशासन से लिखित शिकायत भी की। प्रदर्शनकारियों ने सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को हटाने की बात कही।  आम आदमी राज्य इकाई के प्रवक्ता दिलीप अग्रवाल ने कहा कि बिल्हा ब्लाक क्षेत्र मे जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ग्रामीणों की समस्याओं को ना तो क्षेत्रीय प्रततिनिधि तवज्जो देते है और ना ही अधिकारी। क्षेत्रीय प्रशासन की मनमानी से ग्रामीण जनता परेशान और हैरान है। बिल्हा विधानसभा सह प्रभारी राजेश  शर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों और क्षेत्रीय नेताओं के सह पर मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। ठीक इसी तरह जैसे पीडीएस का चावल गौरव अग्रवाल के गोदाम में मिलता है। और पुलिस एफआईआर दर्ज करने की कोशिश करती है।
दीलिप ने बताया कि क्षेत्र में किए जा रहे मनरेगा के कमोबेश सभी काम में गाँव के बाहर से मजदूर लगाया गया है। जिसके चलते स्थानीय लोगों को काम नहीं मिलने से भारी नाराजगी है। कोरोना काल में स्थानीय लोगों को पेट भरना मुश्किल हो गया है।दिलीप और राजेश ने बताया कि सरकार के अनुसार रोजगार गारंटी योजना के तहत मनरेगा के माध्यम से 100 दिन का रोजगार दिया जाएगा। लेकिन सरपंच सचिव की मनमानी के चलते स्थानीय लोगों को एक दिन का रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है। आप नेताओं ने कहा कि सरपंच सचिव ने फर्जी मस्टर रोल बनाकर ना केवल शासन को लाखों करोड़ों रूपयों का चपत लगाया है। बल्कि स्थानीय लोगों के हितों और अधिकारों से खिलवाड़ किया है।  यदि सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं  गयी तो ग्रामीणों के साथ अनशन किया जाएगा।