हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर सहित इंदौर, ग्वालियर खंडपीठों में सोमवार से चहल-पहल लौट आई है। चार महीने बाद आज से फिजिकल हियरिंग शुरू हो गई। अब वकीलों और पक्षकारों के पास फिजिकल हियरिंग के साथ ही वर्चुअल सुनवाई का विकल्प रहेगा। कोर्ट रूम में 10 से अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। 65 से अधिक उम्र वाले वकीलों और पक्षकारों को कोर्ट में फिजिकली उपस्थिति से छूट दी गई है। नियमित सुनवाई के नोटशीट पर वकीलों और पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं होंगे। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता में दो अगस्त को हुई बैठक में फिजिकल हियरिंग का निर्णय लिया गया था।

अप्रैल से बंद थी फिजिकल हियरिंग

कोरोना की दूसरी लहर के चलते 4 महीने से प्रदेश की अदालतों में फिजिकल हियरिंग बंद थीं। सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही मामलों की सुनवाई की जा रही थी। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्टेट बार काउंसिल जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के सदस्य, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए थे। इस संयुक्त बैठक में कोरोना की दूसरी लहर के बाद हाईकोर्ट में फिजिकल हियरिंग को फिर से शुरू करने का मुद्दा रखा गया था। इस पर कमेटी ने 9 अगस्त से हाईकोर्ट की मुख्य समेत अलग-अलग खंडपीठों में फिजिकल हियरिंग की शुरुआत करने पर सहमति जताई।

वर्चुअल और फिजिकल हियरिंग के विकल्प खुले

अब कमेटी की अगली बैठक 27 अगस्त को होगी। उस बैठक में फिजिकल हियरिंग की समीक्षा की जाएगी। फिजिकल हियरिंग के साथ ही अधिवक्ताओं और पक्षकारों को वर्चुअल सुनवाई का भी विकल्प मिलेगा। यह विकल्प खुद अधिवक्ता या पक्षकार को चुनना होगा। दरअसल कई पक्षकारों के सामने चुनौती ये थी कि वे वर्चुअल तरीके से सुनवाई में शामिल नहीं हो पा रहे थे।

फिजिकल हियरिंग के लिए तय की गई ये गाइडलाइन

  • कोर्ट रूम में 10 से अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं
  • 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले वकीलों और पक्षकारों को कोर्ट में फिजिकली उपस्थिति से छूट
  • नियमित सुनवाई के नोटशीट पर वकीलों और पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं होंगे
  • सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में प्लास्टिक शीट लगाई जाएगी। वकीलों और पक्षकारों को मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा
  • कोर्ट परिसर को सैनिटाइज कराना होगा। यदि किसी वकील और पक्षकार को बुखार होता है, तो उसे अदालत परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा
  • अदालत परिसर में केवल उन वकीलों और पक्षकारों को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके प्रकरणों की सुनवाई होनी है