मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट। सांसद प्रज्ञा के लेटर हेड और साइन स्कैन किए; सिर्फ तबादले की सिफारिश का मैटर बदला
Type Here to Get Search Results !

मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट। सांसद प्रज्ञा के लेटर हेड और साइन स्कैन किए; सिर्फ तबादले की सिफारिश का मैटर बदला

   मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट

सांसद प्रज्ञा के लेटर हेड और साइन स्कैन किए; सिर्फ तबादले की सिफारिश का मैटर बदला

भोपाल - मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट में भोपाल सांसद के असली साइन और लेटर की कॉपी कर अनुशंसा कर दी गई। इसमें मैटर से लेकर पत्र क्रमांक फर्जी था। कुल चार बिंदुओं पर CM हाउस में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। इधर, मामले की जानकारी के बाद दिल्ली से भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी क्राइम ब्रांच के ASP से इस संबंध में बात की। उन्होंने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं। अब इस पूरे फर्जीवाड़े में विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के मिलीभगत होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि अभी तक क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज नहीं की है।

 इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनके यहां से कई जरूरतमंदों को अनुशंसा पत्र दिए जाते हैं, ताकि उनकी मदद की जा सके। CM हाउस पहुंचा उनका अनुशंसा पत्र फर्जी है। इस तरह का लेटर उनके ऑफिस से जारी ही नहीं किया गया। उनके यहां इस पत्र की कोई एंट्री नहीं है। प्रज्ञा ने बताया कि उनके द्वारा जारी लेटर के बाद एंट्री रजिस्टर में भी उनके साइन होते हैं।

यह लेटर सीधे विभाग को नहीं भेजे जाते हैं। यह संबंधित मंत्री को भेजा जाता है। वहां से इसका कन्फर्मेशन भी आता है। इसमें ऐसा कुछ नहीं हुआ। साथ ही लेटर में यह लिखा जाता है कि नियम और प्रक्रिया के आधार पर ही किया जाए। प्रज्ञा ने कहा कि इस संबंध में संबंधित दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। वे इस समय लोकसभा सत्र होने के कारण दिल्ली में हैं। 13 अगस्त के बाद ही भोपाल आएंगी।


 इस तरह किया फर्जीवाड़ा

 संभावना जताई जा रही है कि आरोपी ने सांसद के नाम से किसी को जारी अनुशंसा पत्र की कॉपी को स्कैन किया होगा। इसके बाद उसने साइन और लैटर हेड के बीच में मैटर बदल दिया होगा, हालांकि क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा कि यह लेटर कैसे बनाया गया।

 सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाम से यह फर्जी लैटर लिखा गया। इसमें मैटर और धन्यवाद के बीच में करीब 4 इंच की जगह छोड़ी गई है, जबकि अमूमन सरकारी आदेश में ऐसा नहीं होता है।

सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाम से यह फर्जी लैटर लिखा गया। इसमें मैटर और धन्यवाद के बीच में करीब 4 इंच की जगह छोड़ी गई है, जबकि अमूमन सरकारी आदेश में ऐसा नहीं होता है।

इस तरह पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

 सांसद सामान्यत: सीधे मुख्यमंत्री को पत्र नहीं लिखते हैं। यह पत्र सीधे मुख्यमंत्री को लिखा गया।

इसमें भाषा के तौर पर कई तरह की गलतियां हैं। पत्र में निवेदन की जगह सीधे आदेश कर दिए गया।

मुख्यमंत्री के नाम पर लिखे गए पत्र की विभाग से लेकर सांसद ऑफिस तक में एंट्री की जानकारी मिली।

पत्र में मैटर और सांसद के साइन के बीच में काफी जगह है। इस तरह के पत्र में मैटर खत्म होते ही जारी करने वाले के साइन होते हैं, ताकि कोई अपनी तरह से उसमें कुछ जोड़ सके।

Source - https://bit.ly/3ygNvF4

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------