मध्य प्रदेश में पांच टन से ज्यादा दाल का भंडारण नहीं कर सकेंगे फुटकर विक्रेता
दालों की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार ने स्टाक लिमिट की तय।थोक व्यापारी पांच सौ टन, मिलर उत्पादन क्षमता का 50 फीसद ही रखसकेंगे।
भोपाल- प्रदेश सरकार ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अधिकतम भंडारण सीमा (स्टाक लिमिट) तय कर दी है। अब फुटकर विक्रेता पांच टन से अधिक दाल नहीं रख सकता है। थोक व्यापारी के लिए यह सीमा पांच सौ टन रहेगी। वहीं, मिलर छह माह के उत्पादन या वार्षिक मिलिंग क्षमता का पचास फीसद ही भंडार रख सकेंगे। दालों के आयात पर यह प्रविधान लागू नहीं होंगे।
तुअर सहित अन्य दालों की कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अधिकतम भंडारण सीमा तय की है। इसे देखते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने भी आवश्यक वस्तु व्यापारी (नियंत्रण) आदेश 2021 जारी किया है। इसके दायरे में मूंग और डालर चना को छोड़कर सभी दालें (साबुत और छिलका रहित) आएंगी।
किसान को भी इससे मुक्त रखा गया है। व्यापारियों को दैनिक पंजी रखनी होगी। इसमें प्रारंभिक भंडारण की स्थित, आवक और विक्रय की स्थिति के बतानी होगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक व्यापारी विक्रय के लिए संग्रहित करके रखी वस्तु को रोककर नहीं रख सकेंगे । कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में संस्थान बंद रहने पर इस प्रविधान से छूट रहेगी। कलेक्टर को माह में दो बार दालों के भंडारण की स्थिति बतानी होगी। भंडारण की जांच खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ कलेक्टर द्वारा नामांकित अधिकारी कभी भी कर सकेंगे।
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