झूठा दावे के वायरल सच जानें -
ज्योति कदम
(सामाजिक कार्यकर्ता )
मुरैना : जिले
की
एक
जुझारू
सामाजिक
कार्यकर्ता
ज्योति
कदम
जो
कि
वीडियो
वालंटियर की सामुदायिक
संवाददाता
है
।
कोरोना
माहमारी
के
दौरान
समाज
मे
कोरोना
और
वेक्सीन
को
लेकर
काफी
गलत
अफवाहें लोगों तक
पहुच
रही
हैं
। ज्योति कदम
अपनी पूरी टीम
के
साथ
गलत
अफवाहों
के
चेक
फैक्ट
को
लोगो
के
बीच
सही
जानकारी
देकर सोशल मीडिया
,व्हाट्सप
,यूट्यूब
के
माध्यम
से
लोगों
को
जागरूक
कर
रही
हैं
।
कोविड वैक्सीन
नहीं
लगवाने
की
सलाह
वाली
एडवाइजरी
के
सभी
दावे
भ्रामक
-
दावे को
एक
एडवाइजरी
के
तौर
पर
शेयर
किया
गया
है।
इसका
टाइटल
है,
''वैक्सीन
किसे
'नहीं'
लगवाना
है
?''
इस एडवाइजरी
में
6 तरह
की
कैटेगरी
बताई
गई
हैं
,कि
किसे
वैक्सीन
नहीं
लगवाना
है। इसमें बताया
गया
है
कि
अविवाहित
महिलाओं
को
वैक्सीन
लगवाने
से
भविष्य
में
संतानहीनता
हो
सकती
है। बच्चों को
भी
वैक्सीन
न
लगवाने
की
सलाह
दी
गई,
क्योंकि
इससे
उन्हें
आगे
चलकर
गंभीर
बीमारियां
हो
सकती
हैं।
इसके अलावा,
सांस
से
जुड़ी
बीमारी
और
डायबिटीज
के
मरीजों
को
भी
वैक्सीन
से
दूरी
बनाए
रखने
के
लिए
बोला
गया
है,
क्योंकि
इससे
उनकी
मौत
हो
सकती
है। स्मोकर्स और
शराब
पीने
वालों
के
साथ-साथ
मानसिक
और
न्यूरल
समस्याओं
के
मरीजों
को
भी
वैक्सीन
न
लगवाने
की
सलाह
दी
गई
है
।
वैक्सीन न लगवाने का पक्ष रखने वाले कुछ डॉक्टर्स ने एक एडवाइजरी शेयर की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि अविवाहित महिलाओं, बच्चों, ऐसे लोग जिन्हें सांस से संबंधित कोई समस्या हो और ऐसे लोग जो स्मोकिंग करते हों या शराब के सेवन करते हों, उन्हें कोविड-19 की वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए । इसमें ये भी बताया गया है कि उन लोगों को भी ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए जिन्हें न्यूरल समस्या हो या फिर जो डायबिटिक हों ।
हालांकि, हमने पाया कि कुछ दावे भ्रामक हैं ।
इस एडवाइजरी
में
नीचे
कुछ
डॉक्टरों
के
नाम
लिखे
हैं,
जिनमें
से
डॉ.
तरुण
कोठारी
और
डॉ.
बिश्वरूप
रॉय
चौधरी
का
भी
नाम
है।
इन्हें
मेडिकल
से
जुड़ी
गलत
सूचना
फैलाने
और
कॉन्सपिरेसी
थ्योरी
के
लिए
जाना
जाता
है
।
इसी तरह
का
दावा
फाइजर
की
वैक्सीन
को
लेकर
भी
किया
गया
था
जिसे
FIT ने
खारिज
किया
था
।
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