प्रशासन ने पारस अस्पताल को सील किया, संचालक पर केस दर्ज; ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने से हुई थीं मौतें
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प्रशासन ने पारस अस्पताल को सील किया, संचालक पर केस दर्ज; ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने से हुई थीं मौतें

ऑक्सीजन का मॉक ड्रिल कर 22 लोगों की जान लेने वाले आगरा के पारस अस्पताल को प्रशासन ने सील कर दिया है। साथ ही इसके संचालक के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बैठक कर इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।

बताया जा रहा है कि आगरा और प्रदेश में जब कोरोना पीक पर था और चारो तरफ ऑक्सीजन की किल्लत थी तो अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन ने 26 अप्रैल को 5 मिनट के लिए मॉक ड्रिल की। इस दौरान 22 मरीजों की मौत हो गई। उस वक्त अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे। यह मॉक ड्रिल उन मरीजों पर एक प्रयोग था, जिनकी हालत बेहद नाजुक थी।

DM बोले- नहीं हुईं 22 मौतें, प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- दनादन निकल रही थीं लाशें

इस बीच, DM प्रभु नारायण सिंह ने मीडिया से कहा कि वायरल वीडियो में जो डॉक्टर ऑक्सीजन खत्म होने की बात कह रहे हैं वो भ्रामक है। उनके ऊपर महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर अस्पताल को सीज किया जा रहा है। अभी अस्पताल में 55 मरीज हैं, सीएमओ की टीम आ रही है और मरीजों को उनकी जरूरत के हिसाब से शिफ्ट किया जाएगा।

वहीं, डीएम के दावों पर एक प्रत्यक्षदर्शी मुकेश ने बताया कि वो अपने एक मित्र के परिजनों के भर्ती होने के कारण पारस अस्पताल आए थे। उस दिन उन्होंने वो मंजर देखा था, जब रात में अचानक एक के बाद एक मौतें हो रही थीं। लगातार 15 से 16 लाशें मैंने खुद निकलते देखी हैं। सात मृतकों के परिजनों को मैं खुद जानता था। वार्ड दनादन खाली हो रहे थे।

राहुल गांधी बोले- BJP सरकार में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की कमी; प्रियंका ने पूछा- जिम्मेदार कौन?

मामले का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार को निशाने पर लिया। राहुल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की भारी कमी है। इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।'

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उस वीडियो को पोस्ट किया है, जिसमें पारस अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन यह कह रहे हैं कि 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई और 22 मरीजों की मौत हो गई।


प्रियंका गांधी ने PM-CM पर किया हमला

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुछ बड़ी बातों का जिक्र किया है। प्रियंका ने ट्वीट किया, 'पीएम कहते हैं कि मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। सीएम कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। मंत्री ने कहा, मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें। आगरा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉक ड्रिल की। जिम्मेदार कौन?'

स्वास्थ्य मंत्री बोले- जांच पूरी होने पर ही कुछ कहा जा सकता है

इस पूरे मामले पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना है, ‘पारस अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में समस्या की शिकायत मिली है। जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।'

क्या था अस्पताल का मॉक ड्रिल?

आगरा के पारस हॉस्पिटल के मालिक अरिंजय जैन के सोमवार को 4 वीडियो सामने आए। जिसमें वे कबूल कर रहे हैं कि मरीजों की छंटनी के लिए 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे मॉक ड्रिल की गई थी, जिसमें कोरोना संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई। इस दौरान 22 मरीजों ने 5 मिनट में ही दम तोड़ दिया था। उस समय अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे। डॉ. जैन लोगों से बातचीत के दौरान यह भी कहते दिखते हैं कि खुद मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं कर सकता।

चार पार्ट में वायरल हुए इस वीडियो में अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन क्या कह रहे हैं, आइए आपको बताते हैं


अस्पताल संचालक के पास कुछ लोग बैठे हैं। तभी वह किसी का नाम लेकर कहते हैं, ‘बोले बॉस कि आप समझाओ, डिस्चार्ज करना शुरू करो। ऑक्सीजन कहीं नहीं है। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं मंगा सकता। मोदीनगर ड्राई हो गया है। मेरे तो हाथ-पांव फूल गए। कुछ लोगों (मरीजों के परिवार वालों को) को व्यक्तिगत समझाना शुरू किया। कहा, समझो बात को। कुछ पेंडुलम बने थे कि कहीं नहीं जाएंगे...नहीं जाएंगे। कोई नहीं जा रहा है।

फिर हमने कहा कि उनको छांटो जिनकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है। एक ट्राई मार दो। पता चल जाएगा कि कौन मरेगा कौन नहीं। मॉक ड्रिल सुबह 7 बजे की। सुन्न कर दिए 22 मरीज। छंट गए 22 मरीज। नीले पड़ने लगे। छटपटाने लगे थे। तुरंत खोल दिए। तभी दूसरे शख्स की आवाज आई। उसने पूछा- कितने देर की मॉक ड्रिल थी। डॉक्टर ने कहा, ‘5 मिनट में 22 मर गए। इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना-अपना सिलेंडर लेकर आओ। यह सबसे बड़ा प्रयोग रहा।'


'इसके बाद फैसला हो गया कि कोई कहीं नहीं जाएगा। हमने कहा इतना बड़ा कांड हो गया, लास्ट इयर कांड तो कुछ भी नहीं था। अब लिखा जाएगा कि पारस में 96 मरीजों की मौत। दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘मौत का मंजर देखने को मिलेगा। अब तो हो गया खेल खत्म। अब कैरियर भी खत्म। 304 लिखवाएंगे पत्रकार, मानेंगे नहीं। जेल भी होगी। आखिरी रात है।

क्या करते फिर से मैंने ऑक्सीजन का ग्रुप पकड़ा। उस पर एक बड़ा पत्र डाला। अपनी मजबूरी लिखी। मैंने उस पर पत्र डाला कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। मैंने त्यागी वेंडर्स आदि से मदद मांगी। कुछ लोगों का रिप्लाई आया। एक ने 5 सिलेंडर देने की बात कही। मैंने कहा इससे क्या होगा। दो लाख, पांच लाख, दस लाख की गाड़ी ले लो, लेकिन सिलेंडर दे दो। भोपाल कहीं से भी दिलवाओ। जिंदगी बचानी थी कैरियर बचाना था। मैंने कहा सोने का भाव लगा दो, टैंकर खड़ा करो। कैसे भी खड़ा करो। मुख्यमंत्री भी सिलेंडर नहीं दिलवा सकता था।'


'मेरे पास 12 घंटे का समय। या ये सब मर जाएंगे या इन्हें रेफर कर दो। दिमाग बिल्कुल खत्म। कोई रास्ता दिखा ही नहीं। एक घंटे तक वार्डों में फोन किया कि कैसे बचें ये मरीज। दोपहर 1 बजे एक पत्र लिखा तीमारदारों के लिए आवश्यक सूचना कि आगरा में पॉवर सप्लाई ऑक्सीजन खत्म हो गई है। मरीजों का कहीं इंतजाम कर लें। सुबह 10 बजे तक समय है। पत्र नरेंद्र गौरव चौहान को, लालजीत को कहा कि सभी मरीजों को पढ़ा के आओ।

नोटिस चस्पा करते तो वायरल हो जाता। ढाई बजे से मच गया हड़कंप। घेराबंदी। चारो तरफ लोग थे। तभी दूसरे व्यक्ति ने कहा, जीवन ज्योति में तो खूब मारपीट हुई। अरे नहीं मेरे यहां घटना कोई नहीं हुई है। मैं रिसेप्शन पर आया। सभी लोग लॉबी में खड़े। लोगों को समझाया तो लोग बोले कि हम जिएं या मरें कहां जाएंगे। सभी ने ध्वनि मत से जाने से इनकार कर दिया।'


'मेरे पास शमन अधिकारी का फोन आया, का हुआ साहब। राउंड लेता रहा। आगरा का सबसे बड़ा सप्लायर है। तुरंत आया, बोला कि कत्ल की रात है। मैंने कहा- क्या कांड हो गया। मन तो लगा नहीं, जैसे-तैसे राउंड खींचा।

12 बजे उसने कह दिया सर सुबह तक का माल है। गाजियाबाद ड्राई हो गया। मोदीनगर ड्राई हो गया। दिल्ली से गाड़ी नहीं आ रही है। माल नहीं आ पाएगा। मैंने कहा कि क्या मजाक कर रहे हो। उसे नहीं मिलेगा। कोई समाधान नहीं। क्या डीएम से भी नहीं मिलेगा। मैंने तो उसकी बातों को हल्के में लिया। मैंने कहा मसाला खाओ। बोला कि नहीं मिलेगी। यहां 96 मरीज थे। सबकी सफाई हो जाएगी।

Source=https://pradeshlive.com/news.php?id=administration-sealed-paras-hospital-case-filed-against-operator-deaths-occurred-due-to-the-shutdown-of-oxygen-supply-300893

    

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