एमपी की 17% महिलाएं खाती हैं तंबाकू, कोरोना में इनको ज्यादा खतरा जानिए स्वास्थ्य मंत्री ने क्या दी चेतावनी
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एमपी की 17% महिलाएं खाती हैं तंबाकू, कोरोना में इनको ज्यादा खतरा जानिए स्वास्थ्य मंत्री ने क्या दी चेतावनी

एमपी की 17% महिलाएं खाती हैं तंबाकू, कोरोना में इनको ज्यादा खतरा, जानिए स्वास्थ्य मंत्री ने क्या दी चेतावनी
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बढ़ते धूम्रपान सेवन पर चिंता जताई है

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया है कि प्रदेश की 17% महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं. कोरोना में इनको ज्यादा खतरा है, क्योंकि तंबाकू अंदर की शारीरिक प्रणाली चौक कर देता है

Editor in Chief अभिषेक मालवीय गैरतगंज 

 मध्य प्रदेश में 17 फ़ीसदी महिलाएं ऐसी हैं जो तंबाकू खाने की आदी हैं. सबसे ज्यादा पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं. 24.70 प्रतिशत वयस्क सार्वजनिक स्थलों पर अप्रत्यक्ष धूम्रपान के संपर्क में आते हैं. तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने दी.
मीडिया से चर्चा में मंत्री ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से व्यक्ति के जीवन में शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव होते हैं. इसके लिए आमजन को जागरूक करने और तम्बाकू के सेवन से रोकथाम संबंधित नीतियों का कड़ाई से पालन किया जाए. मध्य प्रदेश में 50.20 प्रतिशत पुरूष और 17.30 प्रतिशत महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं.
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान से खतरा
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि 24.70 प्रतिशत वयस्क सार्वजनिक स्थलों पर अप्रत्यक्ष धूम्रपान के संपर्क में आते हैं. उन्होंने कहा कि ग्लोबल यूथ टोबैको द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार 80 प्रतिशत लोग पहली सिगरेट 8 से 13 वर्ष की आयु में पीते हैं. प्रतिवर्ष 55 हजार बच्चे नियमित रूप से तम्बाकू सेवन करने वालों की सूची में जुड़ रहे हैं, जो चिन्ता का विषय है.तंबाकू वालों में कोरोना का खतरा
मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन  द्वारा बताया गया कि धूम्रपान और तम्बाकू के बने अन्य उत्पादों का सेवन करने वालों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोग के गंभीर प्रकरणों में दिल की बीमारी, कैंसर, सांस की बीमारी एवं मधुमेह के शिकार लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में धूम्रपान करने वालों की भी होती है.
सामान्य परिस्थितियों में सांस लेने में दिक्कत
उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के शरीर में मुंह से फेफड़ों तक को सुरक्षा देने वाली प्राकृतिक आंतरिक प्रणाली क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे उनके फेफड़ों की हवा को साफ करने की क्षमता भी समय के साथ कम हो जाती है. ऐसे लोग सामान्य परिस्थितियों में भी लम्बी सांस नहीं ले पाते. ऐसे में जब ये लोग कोरोना के संपर्क में आते हैं, तो इन पर बीमारी का अधिक असर होता है.
धूम्रपान से शिशु को खतरा
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि गर्भावस्था के समय धूम्रपान और धूम्ररहित तम्बाकू का सेवन से होने वाले शिशु को दुषप्रभाव की संभावना अधिक रहती है. उन्होंने कहा कि जिसमें अस्थमा, श्वसन तंत्र का संक्रमण और क्षयरोग इत्यादि होने की संभावना प्रबल होती है

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