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अधिकारियों ने बैठक के बाद लिया निर्णय
मध्य प्रदेश में 18 से 44 साल तक के लोगों को कोरोना वैक्सीन 5 मई से लगना शुरू हो जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग में लिया। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से भी चर्चा की थी। एक दिन पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी 48 घंटे के अंदर 18+ को वैक्सीनेशन की शुुरुआत करने की बात कह चुके थे। इसके साथ ही पत्रकारों को भी जिलेवार विशेष शिविर लगाकर वैक्सीन लगाई जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश को 5 करोड़ 19 लाख डोज की जरुरत है। सरकार ने कोविशील्ड के 45 लाख और कोवैक्सिन के 10 लाख डोज के ऑर्डर दिए हैं, लेकिन अभी डिलीवरी नहीं हुई है। हालांकि शुक्रवार रात हैदराबाद से प्रदेश में कोवैक्सिन के डेढ़ लाख डोज पहुंचे हैं। संभावना है कि मध्यप्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ही वैक्सीनेशन पार्ट-3 की औपचारिक शुरुआत कर सकती है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, भले ही 18 से 44 साल के लोगों के लिए राज्य सरकार को सीधे कंपनी से वैक्सीन खरीदना है, लेकिन किस राज्य को कितने डोज कब सप्लाई होंगे, यह केंद्र सरकार को तय करना है। ऐसे में मुख्यमंत्री केंद्र से मप्र को ज्यादा डोज उपलब्ध कराने को लेकर बात कर चुके हैं।
कार्यक्रम
कोविशील्ड के 4 करोड़ 76 लाख डोज मिलेंगे।
कोवैक्सिन के 52 लाख 25 हजार डोज मिलेंगे।
5 मई से 15 मई तक कुल 1480 सत्रों में 1 लाख 48 हजार डोज का कार्यक्रम तय
5 और 6 मई को 104 सत्रों में 10,400 डोज
8 और 10 मई को 416 सत्रों में 41,600 डोज
12, 13 और 15 मई को 960 सत्रों में 96,000 डोज
77 हजार लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन के डोज उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार ने प्रदेश में 1 मई से वैक्सीनेशन टाल दिया था, जबकि वैक्सीनेशन पार्ट-3 के पहले दिन टीका लगवाने के लिए प्रदेश में 77 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। वैक्सीन की उपलब्धता न होने से वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं शुरू नहीं हो सका।
सूत्रों के अनुसार सरकार 'पहले आओ और पहले पाओ' की तर्ज पर वैक्सीनेशन शुरू कर सकती है। प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु पर 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। एक मई के लिए पूर्व प्रदेश में 77 हजार स्लॉट बुक थे।
स्कूल व कॉलेज परिसरों को बनाया जाएगा सेंटर
सूत्रों का कहना है कि वैक्सीनेशन की नई ड्राइव के लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। अभी तक अस्पतालों को सेंटर बनाया गया है, लेकिन 18 से 44 साल तक के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए स्कूल और कॉलेज परिसरों को सेंटर बनाया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा होने से भीड़ लग रही है। इसलिए नए सेंटर बनाने के लिए स्कूल व कॉलेज परिसरों का चयन किया जा रहा है।
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