पंचायत गोरखा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर सचिव ले रहा गरीब लोगों से रिश्वत
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पंचायत गोरखा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर सचिव ले रहा गरीब लोगों से रिश्वत

 पंचायत गोरखा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर सचिव ले रहा गरीब लोगों से रिश्वत
अभिषेक मालवीय गैरतगंज एडिटर इन चीफ 
गैरतगंज/रायसेन जिले की जनपद पंचायत गैरतगंज की ग्राम पंचायत गोरखा मैं ग्रामीण हितग्राही परेशान यहां भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देखा जा रहा है हितग्राहियों का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास योजना की किस्त निकालने के लिए सचिव माधव सिंह दांगी द्वारा 10,000 की मांग करी जा रही है एवं ग्राम में मनरेगा के तहत कुओं की खुदाई चल रही है मेड बंधन चल रहा है जिसका कार्य धड़ल्ले से जेसीबी के द्वारा चल रहा है ग्रामीण मजदूरों को 200 - 200 का लालच देकर उनके मजदूरी खाते से मजदूरी का पैसा सचिव द्वारा निकाला जा रहा है जिससे हितग्राही परेशान देखे जा रहे हैं बता दें कि ग्राम में खौफ का नजारा देखा जा रहा है पर लोग कहां तक खौफ में रहेंगे शिकायतकर्ता आ रही सामने मीडिया के सवाल-जवाब पर शिकायतकर्ताओ द्वारा बताया गया
कि हमसे बड़े पैमाने पर पैसों की मांग करते हैं यहां के सचिव माधव सिंह दांगी पैसे ना देने पर काम नहीं करवाते आवास योजना के तहत किस्त की राशि निकालने के लिए सचिव करते हैं 10,000 की मांग ऐसे में गरीब हितग्राही कहां से दे इनको पैसे एक तरफ लोग डाउन किसान मजदूरों को घर बैठने पर मजबूर कर रहा है वहीं दूसरी तरफ ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी पैसे की मांग कर रहे हैं एक तरफ मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा कहा जा रहा है कि कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा आवास योजना के तहत हर ग्राम हर शहर में पक्के मकान बनवाए जाएंगे वहीं दूसरी तरफ ऐसी रिश्वतखोरी बहुत निंदनीय घटना देखी जा रही है 90% ग्राम पंचायतों में रिश्वतखोरी का आलम देखा जाता है ऐसे में कहां से एक मजदूर गरीब ग्रामीण वर्ग का व्यक्ति उठ सकता है यह लोग उठने नहीं देते मनरेगा के तहत कुआं तालाबों को जेसीबी से खोदा जा रहा गरीब वर्ग का व्यक्ति कहां से पनप पाएगा उनको दो-दो सौ रूपयो की लालच देकर सारे पैसे निकाल लिए जाते है सड़क निर्माण में नदी की रेत डाली जाती है ऐसा भ्रष्टाचार सिर्फ ग्राम पंचायतों में ही देखने को मिलता है गोरखा निवासी शिकायतकर्ता आकाश राय द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास योजना की किस्त निकालने के लिए 10000 की रिश्वत मांगते हैं मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्य मजदूरों से नहीं जेसीबी से करवाते हैं यहां के सचिव माधव सिंह दांगी और मजदूरों के खाते में डलवाते हैं मजदूरी की राशि
ग्राम के ही शिकायतकर्ता हितग्राही रामराज रैकवार की किस्त निकालने के लिए 10,000 की मांग करी गई जिसमें से 5000 दे दिए गए व 5000 और ले रहे हैं सचिव माधव सिंह दांगी गांव के लोगों का कहना है कि  ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया जाना चाहिए

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