बिक्रमजीत कंवरपाल का कोरोना से निधन
![फोटो क्रेडिट- विक्रम भट्ट इंस्टाग्राम फोटो स्क्रीनशॉट](https://www.jagranimages.com/images/newimg/01052021/01_05_2021-bikramjeet_kanwarpal_21606566.jpg)
बिक्रमजीत कंवरपाल का जन्म हिमाचल प्रदेश में एक आर्मी ऑफिसर के घर हुआ था। बिक्रमजीत खुद आर्मी में कार्यरत थे। वह वर्ष 2002 में सेना से रिटायर्ड हो गए। इसके बाद उन्होंने 2003 में उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया।
नई दिल्ली,कोरोना महामारी लगातार लोगों को निगल रही है। इसकी वजह से अबतक कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं। आम हो या खास ये बीमारी किसी को भी नहीं छोड़ रही है। ये महामारी कई लोगों के काल बनकर आई है। इसी तरह अब बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से एक बुरी खबर आई है। जाने-माने अभिनेता बिक्रमजीत कंवरपाल का कोरोना से निधन हो गया। 52 साल के बिक्रमजीत के निधन की खबर ने सभी को बचाने में ला दिया। उनके निधन से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। एक्टर के निधन पर लगातार फैंस और स्टार्स सोशल मीडिय पर दुख जाहिर कर रहे हैं।
बिक्रमजीत कंवरपाल का जन्म हिमाचल प्रदेश में एक आर्मी ऑफिसर के घर हुआ था। बिक्रमजीत खुद आर्मी में कार्यरत थे। वह वर्ष 2002 में सेना से रिटायर्ड हो गए। इसके बाद उन्होंने 2003 में उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। बिक्रमजीत ने 'पेज 3', 'पाप', 'कोरपोरेट', 'अतिथि तुम कब जाओगे', 'मर्डर 2', 'हे बेबी', 'प्रेम रतन धन पायो', 'आरक्षण', '2 स्टेट्स', 'मैं' सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर 'और' द गाजी अटैक 'सहित अन्य फिल्में कीं। बिक्रमजीत बॉलीवुड ही नहीं बल्कि छोटे पर्दे पर भी काम किया है।बिक्रमजीत कंवरपाल के निधन पर जाने माने फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा- 'सुनकर दुख हुआ। आज सुबह कोरोना की वजह से मेजर बिक्रमजीत कंवरपाल का कोविड से निधन हो गया। सेना के एक अधिकारी अधिकारी कंवरपाल ने कई फिल्मों और टीवी सीरियल में सहायक भूमिकाएं निभाई थीं। उनके परिवार और करीबी लोगों के प्रति मेरी संवेदना। ॐ शान्ति! 'वहीं बॉलीवुड निर्देशक विक्रम भट्ट ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बिक्रमजीत की एक तस्वीर शेयर करे वहां एक लंबा पोस्ट लिखा है। वे लिखते हैं- 'मेजर बिक्रमजीत कंवरपाल का निधन हो गया है। इस क्रूर महामारी ने उन्हें हमसे छीन लिया। मैंने उनके साथ कई फिल्में की थीं और ये लगभग घर नहीं मिलता है। ' विक्रम आग लिखते हैं, 'दिन एक लंबे समय तक एक दूसरे में बदल रहे हैं और फिर भी प्रत्येक जीवन जो हम खो देते हैं वह केवल एक नंबर नहीं हो सकता है। हम इसे एक नंबर नहीं बनने दे सकते हैं। हर एक का विशेष मित्र, उनकी आत्मा को शांति मिले। '
Please do not enter any spam link in the comment box.