मध्यप्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक मिलेगी पेंशन
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मध्यप्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक मिलेगी पेंशन

 

मध्यप्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक मिलेगी पेंशन

भोपाल। कोरोना काल की पहली लहर ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ाईं, वहीं दूसरी लहर ने लगभग हर किसी का संकट बढ़ा दिया। दूसरी लहर में ज्यादा लोगों की जान जाने लगी है, किसी का बेटा, पिता, मां, बहन तो किसी का पूरा परिवार ही कोरोना में नहीं रहा। कई बच्चे इस महामारी में अनाथ भी हो गए, जिनके लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पहल करते हुए नई योजना का प्रारूप तैयार किया।

21 सालों तक मिलेगी पेंशन
महामारी में अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण की योजना के प्रारूप को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तैयार कर लिया गया। इसके तहत अनाथ हुए बच्चों को शून्य से 21 साल की उम्र तक प्रदेश सरकार पेंशन देगी। उन्हें हर महीने पांच हजार रुपए की राशि पेंशन के रूप में दी जाएगी।

अपात्रों को भी राशन मिलेगा
केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल कार्डधारी परिवारों को कम दाम पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। वहीं अब नई योजना के तहत महामारी में अनाथ हुए बच्चों को भी हर माह राशन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए बीपीएल कार्ड दिखाना भी जरूरी नहीं होगा। यानी अपात्र होने के बावजूद प्रदेश सरकार ऐसे परिवारों को राशन उपलब्ध कराएगी।

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मिलेगी निशुल्क शिक्षा
एक मार्च 2020 के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मृत हुए लोगों के आश्रित बच्चों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। इन बच्चों की पहली से पीएचडी तक की पढ़ाई का खर्चा भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इस आधार पर मिलेगा लाभ

अभिभावक की मौत कोरोना से हुई हो।
कोरोना से स्वस्थ होने के दो माह के अंदर मौत होने पर भी।
RTPCR, रैपिड एंटीजन और सीटी स्कैन के आधार पर डॉक्टर की पुष्टि जरूरी।
शून्य से 21 साल तक के बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ।
परिवार को पहले से कोई सरकारी पेंशन न मिलती हो।
परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ न मिला हो।
मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी।
जन्म प्रमाण पत्र।
कोरोना से मृत अभिभावक या माता-पिता की मृत्यु का मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र।
समिति से मंजूरी के बाद लागू होगी योजना
महामारी में अनाथ हुए इन बच्चों के लिए शासन द्वारा योजना का प्रारूप तैयार किया गया। कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा, जो इसे मंजूर करेगी। इस समिति से मंजूरी के बाद योजना को लागू किया जाएगा और लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा

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