क्या ये बच्चे Corona से बचेंगे? MP के इस जिले में स्कूल खुलेआम दे रहे मौत को दावत
मंदसौर. जानलेवा कोरोना महामारी के बीच जब सब-कुछ बंद है, वहीं मंदसौर में बच्चों की जान से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. शासन-प्रशासन के सभी नियमों को दरकिनार कर यहां के खिलचीपुरा इलाके में निजी स्कूल खुले हुए हैं. बाकायदा कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते हुए क्लास लगाई जा रही हैं. न पढ़ाने वाली मैडम ने मास्क लगा रखा था, न बच्चों ने. दूर-दूर तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया. मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल पर कार्रवाई की बात कही है. जमजम स्कूल खुला हुआ है. टीम ने माजरा जानने की कोशिश की तो पता चला कि बाकायदा बच्चों को स्कूल बुलाकर क्लास लगाई जा रही है. इस मामले पर स्कूल संचालिका सुनीता का तर्क ने दिया कि बच्चे WhatsApp पर नहीं पढ़ सकते इसलिए इनको यहां पर बुलाकर पढ़ाया जा रहा है. जब उनसे पूछा गया कि आपने स्कूल क्यों खोला, तो वह माफी मांगने लगीं.
कोविड-19 के नियमों का उड़ाया जा रहा मखौल
इस खबर का कवरेज कर जब News 18 की टीम लौट रही थी तभी रास्ते में बच्चों से भरा हुआ एक ओवरलोड टेंपो दिखा. टीम ने टेंपो का पीछा किया तो पता चला कि टेंपो निजी स्कूल नोबल पब्लिक स्कूल का है. यहां भी कोविड-19 के नियमों का मखौल उड़ाया जा रहा था और शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. इस बीच स्कूल के संचालक कैमरा देख घबरा गए और बार-बार कैमरा बंद करने की बोलने लगे. उनका तर्क था कि 9वीं क्लास के बच्चे हैं और इन्हें एग्जाम के लिए बुलाया है. एग्जाम के लिए बुलाना नियमों का तोड़ना नहीं है.
स्कूलों ने गलत किया, कार्रवाई होगी- DEO
इधर जब जिला शिक्षा अधिकारी आरएल कारपेंटर से इस मसले पर बात की गई तो उन्होंने कहा- किसी भी सूरत में बच्चों को स्कूल बुलाने का कोई नियम नहीं है. अगर एग्जाम भी लेनी है तो वह ऑनलाइन ली जाएगी या फिर बच्चों से घर पर ही एग्जाम करवाई जाएगी. ऐसा कोई नियम नहीं है कि बच्चों को स्कूल बुलाया जाए. अगर स्कूल संचालक ऐसा कर रहे हैं तो गलत है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
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