जबलपुर में अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, श्मशान में जेसीबी से समतल कर जगह बढ़ाई;
Type Here to Get Search Results !

जबलपुर में अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, श्मशान में जेसीबी से समतल कर जगह बढ़ाई;

जबलपुर में अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, श्मशान में जेसीबी से समतल कर जगह बढ़ाई;

जबलपुर में अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, श्मशान में एक दिन की लकड़ी बची जेसीबी से समतल कर जगह बढ़ाई; अस्पतालों में भर्ती के लिए दलाली होने लगी

लाशों के जलाने के लिए चौहानी में लकड़ियां समाप्त हो गई है। सिर्फ एक दिन की लकड़ी बची है।
मेडिकल कॉलेज में 31 संक्रमितों की हुई मौत, दो संक्रमितों ने घर में ही तोड़ा दम, एक संक्रमित की लाश छोड़कर भाग गए परिजन

जबलपुर में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा है। प्रशासन मौतों पर पर्दा डाल रहा है, जबकि श्मशान में जलती लाशें कोरोना से मौतों की गवाही दे रही हैं। सरकारी आंकड़े में 8 मौतें बताई गईं, जबकि गुरुवार को दो श्मशान घाटों पर 60 कोविड शवों का अंतिम संस्कार हुआ। एक का शव को परिजन अस्पताल में ही छोड़कर चले गए।

अस्पतालों में एक-एक बेड के लिए मारामारी मची हुई है। यहां 4,614 एक्टिव केस और 2,082 संदिग्ध केस हो गए हैं। शहर में कुल 764 वेंटिलेटर पर मरीज हैं। इसी तरह ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 1602 बेड लगभग फुल हैं। शहर की कुछ निजी अस्पतालों के बाहर कारों में मरीज को लेकर परिजन इंतजार में हैं। उन्हें उम्मीद है कि किसी मरीज की छुट्‌टी हो जाए तो उन्हें बेड मिल जाए। बेड की दलाली भी शुरू हो गई है।

कोविड से मृत लोगों के अंतिम संस्कार में जगह की कमी होने लगी है। गुरुवार को जेसीबी लगाकर चौहानी श्मशान घाट में जगह समतल कराई गई। इससे यहां 15 से 20 शवों के संस्कार के लिए जरूरी जगह का इंतजाम और हो गया। वहीं, तिलवारा में भी कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को यहां 7 संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

इस तरह चौहानी श्मशान घाट में लाशों की कतार लग गई।

61 लोगों की हुई मौत, कई जबलपुर जिले के

गुरुवार को मेडिकल सहित शहर के प्राइवेट अस्पतालों में कुल 59 लोगों की मौत हुई। वहीं गढ़ा व कांचघर में दो संक्रमितों की मौत घर पर हुई। 59 शवों में 31 की मौत मेडिकल कॉलेज में हुआ। नगर निगम की टीम और मोक्ष संस्था की ओर से चौहानी और तिलवारा श्मशान घाट में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सिवनी निवासी एक संक्रमित की मौत सुखसागर में होने के बाद परिजन शव छोड़कर चले गए।

एक दिन की लकड़ी चौहानी में बची

कोरोना संक्रमितों को जलाने के लिए लकड़ी की भी भारी कमी पड़ गई है। चौहानी श्मशान घाट में महज एक दिन की लकड़ी और बची है। कलेक्टर को मामले से अवगत करा दिया गया है। एक शव जलाने में ढाई से तीन क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है। शुक्रवार तक लकड़ी का प्रबंधन नहीं हुआ तो शवों को जलाने का संकट खड़ हो जा जाएगा।

अस्पतालों में एक-एक बेड के लिए मारामारी

कोरोना की मौत से अधिक डरावनी तस्वीर अस्पतालों में दिख जाएगी। अब मेडिकल कॉलेज में भी बेड फुल हो चुका है। इसके अलावा विक्टोरिया, ज्ञानोदय, मनमोहन नगर, वीएफजे, जीसीएफ, रेलवे सेंट्रल अस्पताल में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। वहीं शहर के 30 प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मेडिकल में भी गुरुवार को सारे बेड फुल हो गए। एक भी वेंटिलेटर यहां पर खाली नहीं हैं। ऑक्सीजन बेड भी लगभग फुल हो चुके हैं।

अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर दलाली शुरू

अस्पतालों में बेड की दलाली भी शुरू हो गई। कटनी से संक्रमित होकर आए एक मरीज को भर्ती कराने के लिए परिजन बुधवार की पूरी रात परेशान हुए। गुरुवार को दलाल ने 15 हजार रुपए लेकर मरीज को मेडिकल अस्पताल में बेड दिला दिया। मरीज के परिजन इस डर से इस दलाल की शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि कहीं उनके मरीज के इलाज में न लापरवाही हो जाए।

हिटाची मशीन चौहानी में पत्थरों को समतल किया गया। अब यहां 15 से 20 और शवों का अंतिम संस्कार करने का स्थान हो मिल गया।


Source=https://pradeshlive.com/news.php?id=61-deaths-in-hospitals-and-homes-in-jabalpur-leveling-up-from-jcb-in-crematorium-293359

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------