विदिशा मुरवास पहुंचने से रोका विदिशा विधायक शशांक भार्गव को पुलिस द्वारा सभी लोगों को सिरोंज भेजा गया बस 3 घंटे बाद छोड़ा ग
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विदिशा मुरवास पहुंचने से रोका विदिशा विधायक शशांक भार्गव को पुलिस द्वारा सभी लोगों को सिरोंज भेजा गया बस 3 घंटे बाद छोड़ा ग

*मुरवास समाचार*

विदिशा जिले के लटेरी तहसील के ग्राम पंचायत मुरवास में वन माफिया द्वारा दलित सरपंच पति संतराम बाल्मीकि की हत्या कर दी गयी थी। जिसके आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो गई। गिरफ्तारी के बाद स्थानीय भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए कार्यकर्ताओं के साथ मुरवास गांव पहुंचकर पुलिस अफसरों की मौजूदगी में पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगवाए साथ ही समुदाय विशेष के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। ये भाजपा के उन्माद फैलाने की कोशिशों का चर्मोत्कर्ष है।
घटना की जांच के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया जिसमें विदिशा विधायक शशांक भार्गव,पूर्व विधायक निशंक जैन,प्रदेश सचिव सुभाष बोहत शामिल थे। जांच कमेटी के सदस्य आज दिनांक 23 मार्च को मुरवास पहुंचे जहां गांव से 1 किमी पहले भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था।जिला एसपी ने जांच समिति के सिर्फ 3 सदस्यों के पीड़ित के घर तक जाने की बात ना मानते हुए बलपूर्वक समिति के सदस्यों और उनके साथ 30 अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सिरोंज भेज दिया अस्थायी जेल कोविड सेंटर में बनाई गई जहां से 3 घन्टे बाद सभी को मुचलका भरकर रिहा कर दिया गया।
दूसरी तरफ घटना के दो दिन बाद भाजपा,विहिप और बजरंगदल के कार्यकर्ता पुलिस की सुरक्षा में गांव के अंदर जाकर सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ नारेबाजी करते हैं, गोलियां चलाते हैं,उनके मकानों,फसलों में आग लगाते हैं, और पुलिस की सुरक्षा में गांव से बाहर निकलते हैं।
विधायक शशांक भार्गव ने जब विधानसभा में सवाल पूछा कि विदिशा जिले में कितनी वनभूमि पर अतिक्रमण है तो शाषन ने जवाब दिया कि कृषिभूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। वनभूमि पर जो आवासीय अतिक्रमण हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक बेदखल नहीं किया जाएगा। लेकिन भाजपा के दवाब में प्रशासन और वनविभाग ने गरीबों के आवासों को पोकलेन जैसी भारी मशीन से तोड़ दिया जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के 12 आवास भी शामिल थे।
इस तरह से वनभूमि पर कब्जे करवाने का खेल शाषन-प्रशासन के संरक्षण में चल रहा था जिसके कारण इस पर सवाल उठाने वाले व्यक्ति को जान से हाथ धोना पड़ा और इस सच को छुपाने के लिए भाजपा के विधायक इसे साम्प्रदयिकता का रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
हमारी मांग है पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रु सहायता राशि एवं परिवार के 1 सदस्य को शासकीय नोकरी दी जाए। दोनों समुदायों के पीड़ित पक्षों को न्याय मिले। भाजपा के गुंडों पर एफआईआर दर्ज हो।
अगर प्रशासन वनमाफ़िया के खिलाफ कार्यवाही करना चाहता है तो उदयपुर में संचालित अवैध खनन पर कार्यवाही कर आरोपियों को गिरफ्तार करे जिसका स्टिंग ऑपरेशन कुछ दिन पूर्व पत्रिका समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ गोविंद सक्सेना द्वारा किया गया था

विदिशा से ब्यूरो चीफ रंजित सिंह ठाकुर की रिपोर्ट

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