प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब आरकेएफ (राधाकृष्णन फंड) के बजट से पासपोर्ट नहीं बनेंगे। उच्चतर शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी सरकारी कॉलेजों के लिए बजट जारी कर दिया है। इन 90 सरकारी कॉलेजों के 42 हजार 825 विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनाने के लिए निदेशालय की तरफ से 6 करोड़ 42 लाख 37 हजार 500 रुपए का बजट जारी किया है। यह बजट कॉलेजों के 2019-20 के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से जारी किया गया है।
पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों के लिए पासपोर्ट बनाने की घोषणा की थी ताकि पास आउट होने के बाद विदेश में नौकरी लगने की स्थिति में उन्हें पासपोर्ट को लेकर किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। यह सरकार प्रदेश के 90 सरकारी कॉलेजों में फ्री बनाए जाने हैं। एक पासपोर्ट पर लगभग 1500 रुपए की कीमत आती है।
पिछले दिनों बजट न होने के कारण प्रदेश सरकार ने कॉलेजों को निर्देश दिए थे कि वह कॉलेज के राधाकृष्णन फंड के बजट से पासपोर्ट बनवाने का काम करे, लेकिन प्रदेश के अधिकतर कॉलेजों ने निदेशालय को लिखा कि उनके पास इस फंड में पर्याप्त बजट नहीं है, इसलिए बजट जारी किया जाए। कॉलेजों की मांग को देखते हुए निदेशालय ने अब 90 कॉलेजों के 42 हजार 825 विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनवाने के लिए 6 करोड़ से अधिक का बजट जारी कर दिया है।
20-20 बच्चों को बुलाने के निर्देश
कोविड-19 को देखते हुए कॉलेजों को 20-20 बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। बाकायदा एक दिन पहले एमआईएस पोर्टल पर इन विद्यार्थियों की सूची निदेशालय की तरफ से कॉलेजों को जारी की जाती है। फिर कॉलेज प्रशासन द्वारा फोन करके विद्यार्थियों को आने के लिए सूचित किया जाता है।
छात्र संख्या के अनुसार बजट जारी: दहिया
^निदेशालय से बजट की मांग की गई थी। उसके बाद निदेशालय ने छात्र संख्या के अनुसार बजट जारी कर दिया है। विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनाने का काम कॉलेज में जारी है। सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से निर्धारित बच्चों की संख्या के अनुसार उन्हें बुलाया जा रहा है।
-शीला दहिया, प्रिंसिपल, राजकीय कॉलेज, जींद
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from KAPS Krishna Pandit
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