औद्योगिक नगर मंडीदीप में स्थित इंसुलेटर कंपनी में श्रमिक ने लगाई फांसी
सूदखोरों के चंगुल में फंसकर श्रमिक ने की आत्महत्या, मृतक के बेटे ने स्टाफ द्वारा प्रताड़ित करने का लगाया आरोप, सुइसाइड् नोट में भी मानसिक प्रताड़ना देने वाले लोगों के नामों का उल्लेख
मंडीदीप - स्थानीय संवाददाता राजू अतुलकर की रिपोर्ट
औद्योगिक नगर मंडीदीप के सेक्टर-बी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित इंसुलेटर एन्ड इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड कंपनी में आज तड़के रात पाली में कार्यरत एक मजदूर रामस्वरूप यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली l मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक की जेब से सुइसाइड् नोट बरामद कर
शव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पोस्टमार्टम शव गृह भिजवा कर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है l
मृतक के बड़े बेटे सोनू यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पिता रात की शिफ्ट में काम पर गए हुए थे सुबह हमें सूचना प्राप्त हुई कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान फांसी लगा ली है l
सोनू ने बताया कि मेरे मेरे पिता विगत 1 वर्ष से गुमसुम व परेशान रहते थे कारण पूछने पर उन्होंने हमें कभी खुलकर नहीं बताया कि परेशानी का कारण क्या है,हां कभी-कभी वह बातों-बातों में सुइसाइड् नोट में उल्लेखित विकास जैन और विनोद चमार के नामों का जिक्र जरूर किया करते थेl हमने कई दफा उनसे नौकरी छोड़ने की बात कही लेकिन वे नहीं माने l
सूदखोरी के चंगुल में फंसने की आशंका-
हमारे संवाददाता द्वारा जब तह में जाकर इसकी पड़ताल की गई तो प्रथम दृष्टया यह मामला सूदखोरी का ज्यादा नजर आ रहा है l विश्वसनीय सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मृतक ने लगभग 1000000 रुपए सूद पर ले रखे थे जिसके ब्याज को चुकता करने को लेकर परेशान थाl सुइसाइड् नोट में प्रताड़ित करने वाले नामों के खुलासे से यही प्रतीत होता है कि संभवत: मृतक ने स्टाफ के इन्हीं लोगों से सूद के रूप में रुपए ब्याज पर लिए होंगे l समय पर ब्याज ना मिल पाने की वजह से सूदखोर उन पर दबाव बना रहे होंगे l इस स्थिति में वे नौकरी भी नहीं छोड़ सकते थे क्योंकि हो सकता है इन लोगों ने दबाव बनाया हो कि नौकरी छोड़ी तो तुझे अंजाम भुगतना होगाl परिस्थितियों को देखते हुए हत्या की भी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता l ज्ञात हो कि मंडीदीप में सूदखोरी से परेशान अनेक लोगों द्वारा पूर्व में आत्महत्या की जा चुकी है l सूदखोर विभिन्न तरीकों से व्यक्ति पर दबाव बनाते हैं,जिससे कमजोर व्यक्ति मानसिक दबाव सहन नहीं कर पाता और आत्महत्या की ओर अग्रेषित होता है पुलिस प्रशासन को सूदखोरी पर लगाम लगाने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है l
कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है घटना-
इंसुलेटर कंपनी 24 घंटे में,4 शिफ्टों में संचालित होती है l प्रत्येक डिपार्टमेंट में प्रबंधन के अनेक जवाबदार लोग तथा कर्मचारी मौजूद रहते हैं l सुरक्षा के तौर पर सिक्योरिटी गार्ड निगरानी करते हैं l इन सभी लोगों की उपस्थिति में कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है ? पूर्व में घटित घटनाओं को लेकर भी कंपनी प्रबंधन पर सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लग चुके हैंl
कंपनी प्रबंधन की और से मदद के नाम पर केवल बीस हजार-
कमपनी प्रबंधन पर मृतक के दोनों नाबालिक बेटे बेटियों के नाम 5-5 लाख रुपयों तथा बालिग़ बेटे को कंपनी में परमानेंट नौकरी की मांग के चलते पीड़ित परिवार द्वारा शव कंपनी के गेट पर रखकर धरने की चेतावनी के बाद दबाव में कंपनी प्रबंधन की और से पीड़ित परिवार को मदद के नाम पर केवल बीस हजार रुपए प्रदान किये गए हैं और परिवार को लिखित आश्वासन दिया है की एक दो दिन बाद कंपनी पीड़ित परिवार की पूरी आर्थिक मदद करेगी l
पीड़ित परिवार ने पुलिस से इस प्रकरण में पूर्ण निष्पक्षता से पड़ताल करने की गुहार लगाई है l
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