अस्पतालाें को दवाओं के रेट और निजी स्कूलों को मेन गेट पर ही फीस की सूची चस्पा करनी होगी
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अस्पतालाें को दवाओं के रेट और निजी स्कूलों को मेन गेट पर ही फीस की सूची चस्पा करनी होगी

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगाें से निजी स्कूलों में बच्चों की फीस के नाम पर की जा रही अवैध वसूली को रोकने और अस्पतालों में दवाओं के लिए ना भटकना पड़े। इसके लिए नए निर्देश दिए गए हैं।
जिला परिषद चेयरमैन सतीश भालौठ ने कहा कि गांवों में पीएचसी और सीएचसी के बाहर दवाओं के नाम व स्टॉक की जानकारी की लिस्ट रोजाना लगाई जानी होगी।

इसके अलावा एसएमओ और मेडिकल ऑॅफिसर का मोबाइल नंबर भी चस्पा किया जाए, जोकि ड्यूटी पर तैनात है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद स्वयं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जाकर अस्पतालों की जांच करेंगे।

इसी तरह से गांवों में निजी स्कूलों के बाहर भी स्कूल में ली जाने वाली तमाम तरह की फीस का ब्योरा चस्पा किया जाना चाहिए, ताकि फीस देखकर ही अभिभावक तय कर लें कि स्कूल की स्थिति क्या हैं। इसके लिए डीईओ को एक सप्ताह का समय दिया गया है। सोमवार को जिला विकास भवन के सभागार में जिला परिषद की सामान्य बैठक में इन फैसलों पर मुहर लगा दी गई है।

इसकी अध्यक्षता चेयरमैन सतीश भालौठ ने की। उन्होंने इस मौके पर बारी-बारी से सभी विभागों के अधिकारियों से उनके विभागों की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व डीडीपीओ सहित समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मीटिंग से गैर-हाजिर रहे, बैठक में न आने के कारण उनकी चंडीगढ़ मुख्यालय में शिकायत की जाएगी।

बुढापा पेंशन से ना हो छेड़छाड़ : चेयरमैन ने कहा कि बुढ़ापा पेंशन के नियमों के साथ छेड़छाड़ ना की जाए। जो पेंशन पूर्व डिप्टी पीएम चौ. देवीलाल के समय में मिलती थी, उसे वैसा ही रखा जाए। दो लाख रुपए सालाना आय की शर्त को हटाया जाए। सतीश भालौठ ने बुजुर्गों को मिल रही सम्मान राशि को तय समय में उनके खातों में पहुंचाने के लिए कहा।

वहीं एडीसी कार्यालय और डीएफएससी विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते करीब दो से ढाई हजार बीपीएल कार्ड किसी दूसरे गांव के डिपो पर जोड़ दिए गए थे। इससे समस्या बनी हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि समस्या हल कर दी गई है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश यादव के साथ चिकित्सा अधिकारियों से करोना महामारी से आमजन के बचाव के लिए विचार विमर्श करते हुए कहा कि कि वे अस्पताल में पहुंचने वाले समस्त मरीजों का समय रहते इलाज करें ताकि जिला में इसके नुकसान को कम किया जा सकें।

दो साल से लिफ्ट पड़ी बंद, मांगा जवाब : चेयरमैन ने जिला विकास भवन में काफी समय से खराब पड़ी लिफ्ट की मरम्मत करवाने को कहा ताकि बुजुर्गों आदि को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। इस पर बिजली कर्मचारी ने बताया कि इसे अब डिजिटल कंप्यूटर से जोड़ दिया गया है, उसमें वायरस के कारण लिफ्ट बंद पड़ी है। उन्होंने इस अवसर पर आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालना करें। आपस में दो गज की दूरी बनाकर रखें तथा मास्क अवश्य पहने ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।

गांवों में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेगी 10 लाख ग्रांट : सतीश भालौठ ने बताया कि सभी गांवों में अब डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके लिए जिला परिषद की ओर से 10 लाख रुपए की ग्रांट भी दी जानी है। पहले तो जिन पंचायतों के पास 10 लाख रुपए की एफडी है तो वे भी अपनी लाइब्रेरी बनवा सकते हैं।

यदि राशि नहीं है तो उन्हें जिला परिषद की ओर से 10 लाख रुपए की ग्रांट मुहैया करवाई जाएगी। वहीं जिला परिषद की आय बढ़ाने के लिए जिला विकास भवन के पिछले हिस्से में दुकानें निकाले जाने का भी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। इसे हिस्से में करीब 20 से 22 दुकानों का निर्माण हो सकेगा। वहीं उन्होंने कहा कि शुगर मिलों में चेयरमैन के ताैर पर डीसी की जगह किसानों का पावर दी जानी चाहिए।

गांवों को पूरी मिले 15 घंटे की बिजली
चेयरमैन सतीश ने कहा कि गांवाें में 15 घंटे बिजली मिलती है, लेकिन बीच में मरम्मत के नाम पर एक से 2 घंटे का कट लगा दिया जाता है। इसकी भरपाई की जानी चाहिए और पूरे 15 घंटे ही बिजली गांवों को दी जाए। इसमें कटौती ना हो।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि सभी सब डिविजन में कंट्रोल रूम के तहत कार्यालयों पर बिजली कर्मचारियों व अधिकारियों के नंबर चस्पा होने चाहिए। अक्सर नंबरों को न उठाने या उठाकर साइड में रख देने की शिकायतें आती है, इस व्यवहार को बदला जाए।

सुधार नहीं होता है तो निगम के उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा। वहीं कृषि विभाग को स्पष्ट किया कि वे अपने एडीओ के नंबर जिला परिषद को दें व चौपाल पर दर्ज करवाएं। साथ ही सूचना दें कि वे कब किस गांव में जाएंगे। ताकि पारदर्शिता बनें।



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Hospital rates and private schools have to paste the list of fees at the main gate.


from KAPS Krishna Pandit
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